PATNA: जेडीयू के पूर्व विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष ललन पासवान ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। जेडीयू से इस्तीफा देने के बाद ललन पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व विधायल ललन पासवान ने ललन सिंह और जेडीयू नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ललन पासवान ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी कानून लागू कर दिया लेकिन कभी उन्होंने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछा है कि वे शराब पीते हैं या नहीं।
ललन पासवान ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह के हाथों पार्टी को गिरवी रख दिया है। हालात यह है कि ललन सिंह से मिलने के लिए विधायक को पुर्जा देना पड़ता है, तब कहीं ललन सिंह विधायकों से मुलाकात करते हैं। जनता दल यूनाइटेड में हर दिन दलितों का अपमान होता हैं। पार्टी में दलित मंत्री की स्थिति एक चपरासी जैसी हो गई है। अशोक चौधरी की जगह पर कोई दूसरा मंत्री होता तो अभी तक इस्तीफा दे दिया होता। उन्होंने कहा कि 2009 में पार्टी छोड़ा था। साल 2015 में चुनाव जीते तो नीतीश कुमार ने 20 बार साथ आने के लिए कहा था, तब जाकर जेडीयू में शामिल हुए थे।
ललन पासवान ने कहा कि जेडीयू के साथ आने के कारण ही पिछली बार चुनाव हार गए थे। उन्होंने कहा कि 2020 में नीतीश कुमार की पार्टी से चुनाव लड़े इसलिए हार गए थे अगर निर्दलीय या दूसरी पार्टी से चुनाव लड़ते तो शायद जीत गए होते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी तो लागू कर दी लेकिन कभी अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछा कि वे पीते हैं कि नहीं। अगर छापा पड़ जाए तो जदयू के कई नेता शराब पीते पकड़े जाएंगे। ललन पासवान ने कहा कि आने वाले समय में वे बीजेपी के साथ जा सकते हैं और बीजेपी अगर टिकट देती है तो वे लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।