DESK: सरकार ने फैसला किया है कि अब लाल ईंट-भट्ठों को लाइसेंस नहीं दी जाएगी। दरअसल मिट्टी की ऊपरी लेयर को बचाने के लिए ये फैसला किया गया है। आपको बता दें कि ये लेयर फसल उपजाने के लिए काफी अच्छा होता है। इसको बनने में लगभग 100 साल लग जाते हैं। इसीलिए अब लाल ईंट-भट्ठों को लाइसेंस नहीं नहीं दी जाएगी।
वहीं, पुराने ईंट-भट्ठे पहले के तरह ही संचालित किए जाएंगे। आपको बता दें कि बिहार में अभी लगभग पांच हजार लाल ईंट- भट्ठे चलाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, एनटीपीसी यानी नेशनल पावर थर्मल कारपोरेशन 300 किलोमीटर के दायरे में ईंट बनाने वालों को फ्लाई-ऐश की भी व्यवस्था कराएगा।
मंगलवार को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद एवं डेवलपमेंट अल्टरनेटिव के संयुक्त तत्वावधान में पटना में एक कार्यशाला आयोजित किया गया, जिसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने ईंट भट्ठों से जुड़ी कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो गाइडलाइन जारी किया है, उसके मुताबिक एनटीपीसी को मुफ्त में 300 किलोमीटर के दायरे में ईट-भट्ठों को फ्लाई-ऐश उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि कई ईंट निर्माता की शिकायत है कि उन्हें फ्लाई-ऐश मुहैया नहीं कराया जा रहा है। इस समस्या को भी जल्द खत्म किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अगर ईंट निर्माताओं को फ्लाई-ऐश नहीं मिलेगी तो वे अपना प्लांट बंद कर देंगे, जिससे बिहार में रोज़गार की संख्या कम हो जाएगी।