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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 15 May 2025 08:00:59 AM IST
Tej Pratap Yadav - फ़ोटो Google
Tej Pratap Yadav: दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को मालदीव यात्रा की इजाजत दे दी है। हालांकि अदालत ने यह अनुमति कुछ खास शर्तों के साथ दी है, जिससे साफ है कि अदालत मामले को गंभीरता से देख रही है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत ने तेज प्रताप को 17 से 23 मई के बीच मालदीव यात्रा करने की इजाजत दी। इसके लिए उन्हें 25,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस अवधि में किसी भी स्थिति में यात्रा को बढ़ाने का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा।
अदालत ने तेज प्रताप यादव को यह निर्देश दिया है कि वह अपनी यात्रा से संबंधित सभी जानकारियाँ – जैसे कि मालदीव में ठहरने का स्थान, संपर्क करने के लिए मोबाइल नंबर और यात्रा का पूरा विवरण – कोर्ट के समक्ष पेश करें। साथ ही, अदालत ने यह चेतावनी भी दी कि यात्रा के दौरान वह किसी भी तरह से साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान (2004-2009), रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से अपने नाम पर जमीन लिखवाने का काम किया गया। इस मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों, तेज प्रताप यादव, कुछ अज्ञात सरकारी अफसरों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
तेज प्रताप को 11 मार्च को समन पर अदालत में पेश होने के बाद जमानत मिली थी। अब अदालत ने यह भी साफ किया है कि "सिर्फ आरोपों की गंभीरता के आधार पर किसी आरोपी को विदेश यात्रा से नहीं रोका जा सकता", क्योंकि यात्रा करना संविधान के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
क्या कहती है अदालत की चेतावनी?
तेज प्रताप को दी गई अनुमति के साथ अदालत ने यह भी जोड़ा कि इसका कोई दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए और सभी शर्तों का कड़ाई से पालन किया जाए। अदालत का यह कदम कानून और अधिकारों के संतुलन का उदाहरण माना जा रहा है।