Patna Crime News: रईसजादों के निशाने पर पटना पुलिस, थार के बाद अब क्रेटा से पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश Patna Crime News: रईसजादों के निशाने पर पटना पुलिस, थार के बाद अब क्रेटा से पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश नवादा में शराब से भरी इनोवा जब्त, दो होमगार्ड गिरफ्तार, शराब तस्करी में संलिप्तता उजागर Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने कई वरिष्ठ IAS अफसरों का किया ट्रांसफर, दिया अतिरिक्त प्रभार, जानें.... Bihar Crime News: मोकामा गोलीकांड के आरोपी गैंगस्टर सोनू को हाई कोर्ट से मिली बेल, अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर की थी कई राउंड फायरिंग Bihar Crime News: मोकामा गोलीकांड के आरोपी गैंगस्टर सोनू को हाई कोर्ट से मिली बेल, अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर की थी कई राउंड फायरिंग Literacy Rate: यह राज्य बना देश का तीसरा पूर्ण साक्षर स्टेट, 95.6% साक्षरता दर के साथ रचा इतिहास; जानिए.. यूपी-बिहार का हाल Literacy Rate: यह राज्य बना देश का तीसरा पूर्ण साक्षर स्टेट, 95.6% साक्षरता दर के साथ रचा इतिहास; जानिए.. यूपी-बिहार का हाल मधुबनी में बस और नींबू लदे ट्रक से विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद, पांच तस्कर गिरफ्तार Malik Trailer: राजकुमार राव की फिल्म 'मालिक' का ट्रेलर रिलीज, इस दिन सिनेमाघरों में दिखेगी दमदार मूवी
1st Bihar Published by: Updated Thu, 10 Dec 2020 06:15:41 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में बेखौफ अपराधियों ने सुशासन का दम फुला कर रखा हुआ है. सरकार की नाक के नीचे लगातार अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और मुख्यमंत्री केवल अधिकारियों के साथ बैठक भर कर पा रहे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्राइम कंट्रोल के लिए बुधवार को 5 घंटे तक लगातार बैठक की इस हाई लेवल मीटिंग के दौरान सीएम नीतीश पुलिस के आला अधिकारियों पर नाराज भी दिखे. सीएम नीतीश की नाराजगी का ही असर था कि बैठक खत्म होने के बाद देर रात तक के पुलिस मुख्यालय में बेचैनी देखी गई.
STF को नए सिरे से धारदार बनाने का टास्क
पुलिस मुख्यालय में क्राइम कंट्रोल के लिए लोकल पुलिस के अलावे एसटीएफ को धारदार बनाने का टास्क लिया है. सबसे पहले एसटीएफ में तेजतर्रार अधिकारियों को जगह दिए जाने की कवायद शुरू हो रही है. इसके लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को या जवाबदेही दी गई है कि वह तेजतर्रार पुलिस अधिकारियों को शॉर्ट लिस्ट करें. खासतौर पर ऐसे पुलिस अधिकारियों को जो अपराधियों के खिलाफ सख्ती से निपटने में काबिल रहे हैं. ऐसे पुलिस पदाधिकारियों को अब लोकल थाने की वजह है एसटीएफ में लाए जाने की कवायद हो रही है. सभी जिलों में एसटीएफ का कई स्तरों पर पुनर्गठन किया जाएगा. पुलिस मुख्यालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो यह पूरी एक्सरसाइज बहुत जल्द खत्म हो जाएगी. मुख्यमंत्री ने क्राइम मीटिंग के दौरान प्रोफेशनल क्रिमिनल से निपटने की बात कही थी. एसटीएफ को इसका जिम्मा दिया जाएगा कि वह कैसे पेशेवर और कुख्यात अपराधियों से निपटे.
यूपी पुलिस के एनकाउंटर की तर्ज पर बढ़ेगी बिहार पुलिस ?
बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में क्राइम में की स्थिति क्या रही है, यह बात किसी से छिपी नहीं है. लेकिन योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद यूपी पुलिस ने जिस तर्ज पर अपराधियों का खात्मा किया, वह अपने आप में एक मिसाल है. ऐसे में बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा है कि क्या बिहार पुलिस भी यूपी पुलिस के एनकाउंटर मॉडल की तर्ज पर आगे बढ़ेगी. क्या यहां भी अपराधियों का खात्मा किया जाएगा. अगर प्रोफेशनल क्रिमिनल्स का सफाया हुआ तो इससे अपराध में कमी आएगी. यह बात सभी जानते हैं लेकिन बिहार जैसे राज्य में क्या एनकाउंटर जैसी घटनाओं से नया बवाल नहीं खड़ा होगा. इन सभी बिंदुओं को सरकार भी शायद समझने की कोशिश कर रही होगी.
जनवरी तक नए डीजीपी
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस लेने के बाद अब तक के बिहार को कोई स्थाई डीजीपी नहीं मिल पाया है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि सरकार गंभीरता से इस जिम्मेदारी के लिए किसी तेजतर्रार आईपीएस की तलाश में है. सरकार चाहती है कि पुलिस की कमान किसी ऐसे हाथ में दी जाए, जिसका अपराधियों पर पप्पू जनवरी महीने तक के नए डीजीपी की नियुक्ति का अनुमान लगाया जा रहा है. लगातार प्रशासनिक गलियारे में इसे लेकर चर्चा भी है. कई नामों की चर्चा चल रही है लेकिन सरकार उसी पर भरोसा जताया कि जो क्राइम कंट्रोल के लिए सबसे मुफीद साबित होगा.
साल 2005 से 10 तक के अधिकारियों पर नजर
खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ये चाहते हैं कि साल 2005 से 2010 के बीच इस दिन पुलिस पदाधिकारियों ने बिहार में लॉ एंड आर्डर मुस्तैद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनकी जिम्मेदारी एक बार फिर से बढ़ाई जाये. इन अधिकारियों में 1994 बैच के वह दारोगा भी शामिल हैं, जो अब डीएसपी में प्रमोशन पा चुके हैं.
साथ ही साथ ऐसे अधिकारी दिनों ने नीतीश सरकार के शुरुआती 5 साल में अपराधियों के होश फाख्ता किये, उन्हें भी महत्वपूर्ण जवाबदेही दी जा सकती है. नए और पुराने पुलिस अधिकारियों के इसी कमी नेशन के जरिए बिहार में क्राइम कंट्रोल के लिए नए सिरे से प्लान पर काम किया जा रहा है. अब देखना होगा कि क्राइम कंट्रोल के लिए सरकार का यह प्लान जमीन पर सटीक साबित होता है या फिर अपराधी पहले की तरह सरकार के नाक में दम किए रहते हैं.