PATNA : आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए कल यानी 3 दिसंबर को नामांकन होना है। यह पहले से ही तय माना जा रहा है कि लालू यादव एक बार फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर खुद लालू ने अंतिम वक्त में जो फैसला लिया उसके बाद पार्टी के अंदर और बाहर यह चर्चा तेज है कि क्या लालू यादव अपने फैसले से एक बार फिर सबको चौंकाने वाले हैं?
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो लालू यादव का नामांकन पत्र भरकर तैयार रखा गया है। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू यादव रिम्स में इलाज करा रहे हैं लिहाजा राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी के सामने उनके प्रतिनिधि की तरफ से ही नामांकन पत्र दाखिल किया जाएगा। बावजूद इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के निर्वाचन प्रक्रिया को देख रहे नेताओं को अब भी पार्टी सुप्रीमो के अंतिम निर्देश का इंतजार है।
प्रदेश अध्यक्ष पद पर लालू यादव ने अंतिम दौर में जिस तरह जगदानंद सिंह का नाम तय किया उसके बाद सभी को ऐसा लगने लगा है कि पार्टी सुप्रीमो एक बार फिर से कहीं कोई अप्रत्याशित फैसला ना कर लें।
तेजस्वी हैं विकल्प
प्रदेश अध्यक्ष पद पर जगदानंद सिंह की तैनाती में तेजस्वी के करीबी नेताओं को खुश होने की बड़ी वजह दे दी है। पार्टी में तेजस्वी के नेतृत्व का खुलकर समर्थन करने वाले नेताओं को ऐसा लगता है कि लालू यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़कर अब तेजस्वी को कमान दे सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो तेजस्वी ना केवल 2020 के विधानसभा चुनाव में नेतृत्व का चेहरा होंगे बल्कि पार्टी की कमान भी उनके हाथों में होगी।
तेजस्वी के करीबी नेताओं की नजरें लालू यादव के फैसले पर टिकी हुई है हालांकि पार्टी के पुराने नेताओं को इस बात का भरोसा है कि लालू यादव फिलहाल नेतृत्व किसी और के हाथ में नहीं देने वाले। तेजस्वी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में सबसे बड़ा रोड़ा परिवार के अंदर से है।
पार्टी में तेजस्वी के नाम पर भले ही कोई खुलकर विरोध ना हो लेकिन परिवार के अंदर चल रही महाभारत छिपी नहीं है।।ऐसे में अगर तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो तेज प्रताप यादव के अलावे मीसा भारती भी नाराज हो सकती हैं, ऐसा जानकार बताते हैं। लालू यादव विधानसभा चुनाव के पहले परिवार में ऐसे किसी लड़ाई का जोखिम मोल नहीं लेना चाहेंगे।
राबड़ी पर भरोसा
अगर लालू यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इनकार भी कर देते हैं तो यह तय है कि आरजेडी का अगला अध्यक्ष लालू परिवार से ही होगा। तेजस्वी के अलावा उनकी मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी इस पद के लिए दूसरी और अंतिम विकल्प हो सकती हैं। अगर जरूरी हुआ तो लालू यादव राबड़ी देवी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकते हैं। राबड़ी देवी के नाम पर परिवार के अंदर कोई विरोध नहीं होगा यह तय है लेकिन पार्टी को जिस धारदार नेतृत्व की जरूरत चुनाव में पड़ेगी वह राबड़ी देवी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते मिल पाना थोड़ा मुश्किल होगा।
राबड़ी देवी खुद पिछले दिनों अस्वस्थ रही है ऐसे में अगर व राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाती हैं तब भी तेजस्वी ही आरजेडी को लीड करते दिखेंगे। आरजेडी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष की जवाबदेही बढ़ी हुई होगी। पार्टी के सिंबल से लेकर सारे फैसले के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति और उनका हस्ताक्षर आवश्यक होगा। ऐसे में पार्टी के पास दो रास्ते बचे हैं, या तो पार्टी के हर फैसले के लिए रिम्स जाकर लालू यादव से सहमति ली जाए या फिर खुद लालू यादव पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए फैसलों के लिए किसी को अधिकृत कर दें।
अंतिम रास्ता यह है कि लालू यादव अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जवाबदेही किसी दूसरे के कंधों पर दे दें। यह माना जा रहा है कि आरजेडी अध्यक्ष के लिए लालू यादव का जो भी फैसला होगा वह आज शाम तक स्पष्ट हो जाएगा। नामांकन पटना में होना है लेकिन नजरें फैसले के लिए रांची के रिम्स पर टिकी हैं।