JAMUI: बिहार के जमुई जिले में एक हेडमास्टर की लापरवाही का खमियाजा आठवीं कक्षा के छात्र को भुगतना पड़ रहा है। 9वीं कक्षा में एडमिशन के लिए छात्र को एसएलसी की जरूरत थी। छात्र एसएलसी लेने के लिए स्कूल में पहुंचा था। स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में हेडमास्टर साहब ने ऐसा जन्मतिथि लिख दिया कि जो कैलेंडर में होता ही नहीं है।
उन्होंने बच्चे का जन्मतिथि 30 फरवरी 2009 लिख दिया। उसमें में ओवरराइटिंग किया गया है। अब उसे नौवीं कक्षा में एडमिशन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिस स्कूल में वह एडमिशन लेने गया वहां का कर्मचारी भी एसएलसी को देखकर हैरान रह गया। इस एसएलसी को चकाई वाजपेईडीह उत्क्रमित मध्य विद्यालय के हेडमास्टर ने 21 अप्रैल को जारी किया था। हेडमास्टर की इस गलती को लेकर अब उनसे शॉ कॉज मांगा जा रहा है।
दरअसल चकाई के असनघटिया मोहनपुर गांव निवासी राजेश यादव के बेटे अमन को नौवीं कक्षा में एडमिशन के लिए एसएलसी की जरूरत थी। लेकिन उसे ऐसा एसएलसी दे दिया गया जो अब उसकी परेशानी का सबब बन गया है। एसएलसी में जन्मतिथि सुधरवाने के लिए दोनों बाप-बेटे स्कूल का चक्कर लगा रहा है। लेकिन अभी तक इसमें सुधार नहीं किया गया है। आए दिन हेडमास्टर कुछ ना कुछ बहाना बना रहे हैं। उधर गलत जन्म तिथि अंकित रहने के कारण अमन का नौवी कक्षा में एडमिशन नहीं हो पा रहा है।
जिस स्कूल में अमन एडमिशन लेना चाहता है वहां के प्रिसिंपल ने 30 जुलाई तक सीएलसी में सुधार करने का समय दिया है। उधर सोशल मीडिया के जरीये इस बात की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिलदेव तिवारी को हुई। उन्होंने हेडमास्टर से स्पष्टीकरण की मांग की है। उधर हेडमास्टर प्रभू यादव इसे मानवीय भूल बता रहे है। सीएलसी में सुधार के लिए बच्चे के परिजन स्कूल में आए ही नहीं थे लेकिन इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया है। फिलहाल जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से स्पष्टीकरण की मांगी गयी है। प्रभू यादव ने बताया कि गुरुवार को वे जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्पष्टीकरण देने के लिए जाएंगे। उनके समक्ष पूरी बात रखेंगे।