PATNA: बिहार सरकार के आपत्ति जताने के बाद भी राजस्थान सरकार मानने को तैयार नहीं है. उसने 15 छात्रों को कोटा से पटना भेज दिया. सभी छात्र बस से पटना पहुंचे तो हड़कंप मच गया. सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी गई और सबकी जांच कराई गई. सभी को होम क्वॉरेंटाइन करने के बाद सभी घरों के आगे पोस्टर चिपका दिया गया है. बताया जा रहा है कि सभी बच्चे पटना के वीवीआईपी के है.
कैमूर में हुई स्क्रीनिंग
कोटा से बस कैमूर बॉर्डर होते हुए सीमा में घुसी. इस दौरान कैमूर में ही सबकी स्क्रीनिंग की गई. सभी को होम क्वॉरेंटाइन की सलाह दी गई. सभी की 14 दिनों तक कोरोना मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जाएगी.
बिहार सरकार ने जताई थी नाराजगी
बिहार सरकार ने राजस्थान के फैसले पर 13 अप्रैल को नाराजगी जताई थी. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इसको लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कोटा जिला अधिकारी के इस फैसले का कड़ा विरोध किया था और कहा है कि गृह मंत्रालय को राजस्थान सरकार को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने का आदेश देना चाहिए. मुख्य सचिव ने यह भी कहा था कि इस तरह के फैसला देने वाले कोटा के डीएम को फटकार लगानी चाहिए. कोटा में करीब 50 कोरोना संक्रमित मरीज है. ऐसे में वहां के डीएम बड़ी तादाद में निजी गाड़ियों के लिए पास जारी कर बिहार के छात्रों को बिहार भेज रहे हैं. बता दें कि लॉकडाउन के कारण कोटा में करीब बिहार के 3 हजार छात्र फंसे हुए है.