SUPAUL : नेपाल में हो रही जोरदार बारिश ने बिहार में तबाही के संकेत दे दिए तो लोगों की चिंता बीते 24 घंटे से बढ़ी हुई है। बीती रात से ही कोसी बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। शनिवार को पूरे दिन कोसी बराज पर दबाव बढ़ा रहा। लिहाजा बराज के तमाम फाटक खोलने की नौबत आयी। शनिवार की रात तक 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ दिया गया जो 56 साल के बाद सबसे अधिक डिस्चार्ज है। ऐसे में शनिवार की रात कोसी इलाके के लोगों ने जागकर काटा।वहीं रविवार को राहत की खबर तो सामने आयी लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
दरअसल, शनिवार की रात तक कोसी बराज से पानी जिस मात्रा में छोड़ा जाता रहा उसने कई जिलों के लोगों की नींद उड़ा दी। कोसी से सटे इलाके के लोग रतजगा करते रहे। हर कोई यही बात कह रहे थे कि ये रात किसी तरह कट जाए। दरअसल, नेपाल में हो रही बारिश को लेकर लोग डरे रहे जिससे कोसी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था। वहीं नेपाल में बारिश थमी तो इसका असर भी दिखा। रविवार की सुबह 5 बजे तक 6 लाख 61 हजार 295 क्यूसेक पानी बढ़ते क्रम में दर्ज हुआ लेकिन 7 बजे की रिपोर्ट में पानी घटते क्रम में दर्ज हुआ। सुबह 7 बजे कोसी बराज का डिस्चार्ज 6 लाख 43 हजार 675 दर्ज हुआ। जबकि सुबह 9 बजे 6 लाख 28 हजार 145 क्यूसेक पानी घटते क्रम में दर्ज हुआ।
वहीं, कोसी बरार पर पानी घटा जरूर है लेकिन संकट अभी टला नहीं है। घटते पानी से कटाव की चुनौती बढ़ती है। ऐसे में अब तटबंधों को सुरक्षित रखने की चुनौती प्रशासन के ऊपर है। शनिवार की रात को जहां रिसाव की शिकायत आयी उसे फौरन मरम्मत किया गया। इधर, जिन इलाकों में कोसी का पानी प्रवेश कर चुका है वहां से पलायन शुरू हो चुका है। लोग अब सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे हैं। प्रशासन लगातार अपील करती रही है कि तटबंध के अंदर के इलाके से लोग सुरक्षित जगह पर चले जाएं।
इधर, भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित जोगबनी रेलवे स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर पानी आ जाने के कारण कटिहार जोगबनी और दरभंगा सहरसा जोगबनी रेलखंड पर चलने वाली सभी ट्रेनों का परिचालन फारबिसगंज रेलवे स्टेशन से ही होगा। सभीट्रेनों के जोगबनी स्टेशन पर जाने पर आज रोक लगा दी गई है और बकायदा फारबिसगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर हेल्प डेस्क बनाकर यात्रियों को हो रही असुविधाओं को लेकर जानकारी दी जा रही है।
बता दें कि, कोसी बराज से रिकॉर्ड पानी शनिवार को छोड़ा गया है। पिछले साल बराज से लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया था। जिससे अधिक पानी इसबार छोड़ा जा चुका है। जबकि सबसे अधिक पानी वर्ष 1968 में कोसी बराज से छोड़ा गया था। तब 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक पानी यहां से छोड़ा गया था जो अबतक का सबसे अधिक डिस्चार्ज है।