DESK: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में कोल्हान को अलग देश घोषित करने की मांग को लेकर आज एक बार फिर जमकर हंगामा हुआ। इस मांग का समर्थन करने वाले 4 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के गुस्साएं ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियार के साथ मुफ्फसिल थाने का घेराव कर दिया। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी कर दी जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज तक कराना पड़ गया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे।
मिली जानकारी के अनुसार इलाके में कुछ लोग कोल्हान को अलग देश घोषित करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इसे लेकर वे आंदोलन भी चला रहे हैं। हाल के दिनों में कुछ स्थानीय युवाओं ने आंदोलन को तेज करते हुए अवैध तरीके से नियुक्ति पत्र का वितरण करना शुरू कर दिया। इस बात की सूचना मिलते ही चाईबासा पुलिस ने षड्यंत्र में शामिल एक कोबरा बटालियन के जवान सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार जवान का नाम अजय पड़िया बताया जा रहा है। अजय चाईबासा के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के लादुराबासा गांव का रहने वाला है। इसके तीन अन्य साथियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसे छुड़ाने के लिए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पारंपरिक हथियार लेकर चाईबासा के मुफ्फसिल थाना पहुंच गये जहां थाने का घेराव कर ग्रामीण हंगामा मचाने लगे।
इस दौरान पुलिस ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग समझने को तैयार नहीं थे। लोग इतने आक्रोशित थे कि सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी करने लगे। लोगों को शांत कराने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे गये और पानी का बौछार भी किया गया लेकिन लोग वहां से हटने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। भीड़ को तितर-बितर कर पुलिस ने हटाया। जिसके बाद यातायात बहाल हो सका।
बताया जाता है कि प'श्चिमी सिंहभूम जिले में अलग कोल्हान देश की मांग 1980 से लोग कर रहे हैं। कोल्हान रक्षा संघ के नेता नारायण जोनको, क्राइस्ट आनंद टोपनो और कृष्ण चंद्र हेम्ब्रम उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे। इन लोगों ने 1837 के विल्किंसन रूल का हवाला देते हुए कहा था कि कोल्हान इलाके पर भारत का कोई अधिकार नहीं है। तब उन्होंने ब्रिटेन की सत्ता के प्रति अपनी आस्था जताई। कोल्हान तब अविभाजित बिहार राज्य का प्रमंडल था।। पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम इसके अधीन थे। अब यह इलाका झारखंड का हिस्सा है। सिंहभूम के दोनों हिस्सों के साथ इसी से काट कर बनाया गया सरायकेला-खरसवां जिला अब इस प्रमंडल के अंदर है।
रामो बिरूवा नामक व्यक्ति तो खुद को कोल्हान का राष्ट्रपति घोषित कर कोल्हान को अलग देश करने की मांग पहले उठा चुके थे। जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा था। जेल में ही रामो बिरूवा की मौत हो गई थी। रामो का सहयोगी आनंद चातार भी देशद्रोह के मामले में जेल में ही था। कुछ दिन पूर्व ही बेल लेकर जेल से बाहर निकला है। इसके बाद आनंद चातार पूरे पश्चिम सिंहभूम जिला में कोल्हान गवर्नमेंट ईस्टेट के नाम से कोल्हान की रक्षा के लिए नव युवकों की बहाली कर रहा था।
जिसमें आनंद चातार युवाओं को एक नियुक्ति पत्र भी बांट रहा है। 40 साल के लिए नियुक्ति दिखायी गयी है। चार लोगों की गिरफ्तारी के बाद आज आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पारंपरिक हथियार और पत्थरों से हमला कर दिया। भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। इस दौरान लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। जिसके बाद घंटों बाधित हुए यातायात को फिर से बहाल कराया जा सका।