KK पाठक के फरमान से मुख्यमंत्री के गृह जिले के शिक्षक नाराज, राखी के दिन काला बिल्ला लगाकर पहुंच गये स्कूल, लेकिन छात्र रहे नदारद

KK पाठक के फरमान से मुख्यमंत्री के गृह जिले के शिक्षक नाराज, राखी के दिन काला बिल्ला लगाकर पहुंच गये स्कूल, लेकिन छात्र रहे नदारद

NALANDA: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बिहार के सरकारी स्कूलों में इस साल की 15 दिनों की छुट्टियां रद्द कर दी। आज रक्षा बंधन है लेकिन स्कूलों को खुला रखा गया है। सभी शिक्षकों की छुट्टी रद्द कर दी गयी। जिसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के शिक्षकों में खासा आक्रोश दिख रहा है। बिहार शरीफ के मॉडल मध्य विद्यालय में शिक्षक काला बिल्ला लगाकर स्कूल पहुंच तो थे लेकिन स्कूल में बच्चे नदारद दिखे।


शिक्षकों का आरोप है कि नीतीश सरकार तानाशाह रवैया अपना रही है। शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों के अधिकार का भी हनन हो रहा है। रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है जिससे कोई भी वर्ग अछूता नहीं है। यह पर्व भाई और बहन के प्रेम का प्रतिक है। जो देश में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है और पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों की छुट्टी रद्द कर दी गई। सरकार की मनसा थी कि स्कूल खोलने पर छात्र-छात्राएं उपस्थित होंगे लेकिन यहां शिक्षक तो उपस्थित हो गये लेकिन एक भी छात्र स्कूल में नहीं पहुंचा। ऐसे में शिक्षकों की छुट्टी रद्द करने से क्या फायदा? 


स्कूल की प्राचार्या सुनीता सिंह सरकार के इस फरमान से काफी गुस्से में हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अचानक फरमान जारी कर सभी शिक्षकों को रक्षा बंधन पर अपने-अपने स्कूलों में उपस्थित रहने का आदेश दिया था। उनके आदेशानुसार हम लोग तो स्कूल आ गये लेकिन बच्चे नहीं पहुंचे जिसके कारण पठन-पाठन का कार्य आज पूरी तरह से ठप हो गया। 


सरकार के फैसले के खिलाफ वे काला बिल्ला लगाकर स्कूल पहुंचे और सरकार के इस फैसले का विरोध जताया। स्कूल की प्राचार्या सुनीता सिन्हा ने कहा कि रक्षा बंधन पर बच्चे स्वयं छुट्टी मना लिये। रक्षा बंधन पर स्कूल खोलकर सरकार ने तानाशाह रवैय्या अपनाया है। जो बिलकुल चलना वाला नहीं है। सबकों पता है कि महिलाएं रक्षा बंधन, तीज, जिउतिया का पर्व मनाती है लेकिन हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह बात पता नहीं है कि महिलाएं शिक्षक के रूप में ज्यादा है। इसके बावजूद छूट्टी को रद्द कर दिये। यह नीतीश सरकार और केके पाठक का तानाशाह रवैय्या है जो ज्यादा दिन नहीं चलने वाला। हमलोग डरने वालों में से नहीं है इसे लेकर आंदोलन करेंगे। 

बता दें कि शिक्षा  विभाग ने ये निर्णय लिया है कि सभी राजकीय / राजकीयकृत / प्रारंभिक और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में साल 2023 के बचे हुए दिनों के लिए एक समान अवकाश होगा. ये इस प्रकार होगा. 

1.    चेहल्लूम-06 सितम्बर (बुधवार)

2.    अनंत चतुर्दशी/ हजरत मोहम्मद साहब की जयंती-28 सितम्बर (गुरुवार)

3.    महात्मा गांधी जयंती- 2 अक्टूबर (सोमवार)

4.    दुर्गा पूजा- 22-24 अक्टूबर (रविवार से मंगलवार)

5.    दीपावली- 12 नवम्बर (रविवार)

6.    चित्रगुप्त पूजा / भैयादूज- 15 नवम्बर (बुधवार)

7.    छठ पूजा- 19-20 नवम्बर (रविवार और सोमवार)

8.    क्रिसमस डे- 25 दिसम्बर (सोमवार)


15 छुट्टी रद की गयी

शिक्षा विभाग के नये आदेश ने बिहार के सरकारी स्कूलों में इस साल की 15 दिनों की छुट्टियां रद्द की है.2023 में सरकारी स्कूलों में छुट्टी को लेकर पिछले साल 23 दिसंबर को बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने पत्र जारी किया था. देखिये उसमें क्या था छुट्टी का प्रावधान. 

रक्षाबंधन- 30 अगस्त

चेहल्लूम-6 सितंबर

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-07 सितंबर

हरितालिका तीज-18-19 सितंबर

अनंत चतुर्दशी/हजरत मो. साहब की जयंती-28 सितंबर

महात्मा गांधी जयंती-02 अक्टूबर

जीवित पुत्रिका व्रत(जीउतिया)-06 अक्टूबर

दुर्गा पूजा/श्री कृष्ण सिंह जयंती-19 से 24 अक्टूबर

दीपावली, चित्रगुप्त पूजा, भैया दूज, छठ पूजा-13 से 21 नवंबर

गुरूनानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा-27 नवंबर

क्रिसमस डे-25 दिसंबर


पहले से घोषित छुट्टी के मुताबिक 30 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी स्कूलों में 25 दिन की छुट्टी होनी थी. लेकिन शिक्षा विभाग ने इसमें से 15 दिनों की छुट्टी रद्द कर दी है. अहम बात ये है कि जन्माष्टमी जैसे पर्व पर केंद्र सरकार ने एनआई एक्ट के तहत छुट्टी घोषित कर रखी है. यानि सारे सरकारी दफ्तर से लेकर बैंक तक उस दिन बंद रहेंगे लेकिन बिहार के सरकारी स्कूलों को खोलने का आदेश दिया गया है. बिहार सरकार ने 21 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के महासप्तमी की छुट्टी घोषित कर रखी है. लेकिन शिक्षा विभाग ने महासप्तमी को स्कूल खोलने का आदेश जारी कर दिया है. 

नालंदा से राजकुमार मिश्रा की रिपोर्ट