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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 23 Jul 2025 11:47:47 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत शिक्षा ऋण लेकर किश्तों का भुगतान न करने वाले और गायब हो चुके 55,000 अभ्यर्थियों पर बिहार सरकार ने अब सख्ती शुरू कर दी है। बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की समीक्षा में सामने आया है कि 60,722 अभ्यर्थियों को नीलामपत्र वाद दायर करने का आदेश दिया गया था। इनमें से 5,737 ने शपथपत्र जमा किया या ऋण की किश्तों का भुगतान शुरू किया लेकिन शेष अभ्यर्थी न तो शपथपत्र दे रहे हैं और न ही ऋण चुका रहे हैं। इनमें से सबसे अधिक डिफॉल्टर पटना और समस्तीपुर में हैं। अब इन जगहों पर नीलामपत्र वाद दायर करने और नोटिस भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
जिलावार स्थिति
पटना: 4,374 अभ्यर्थियों पर नीलामपत्र वाद दायर करने का आदेश मिला, जिसमें 1,733 पर वाद दायर हो चुका है। 118 अभ्यर्थियों ने शपथपत्र दिया या किश्त भुगतान किया। 2,523 अभ्यर्थियों पर अभी न तो वाद दायर हुआ और न ही नोटिस भेजा गया है।
समस्तीपुर: 2,498 अभ्यर्थियों की सूची मिली, जिसमें से 1,358 पर वाद और 540 को नोटिस भेजा गया है। 336 ने शपथपत्र या किश्त भुगतान किया है, जबकि 804 पर वाद दायर करना अभी बाकी है।
मुजफ्फरपुर: 1,928 में से 760 पर वाद दायर हुआ है और 680 को नोटिस भेजा गया है।
गया: 2,494 में से 582 पर वाद दायर हुआ है, 143 को नोटिस भेजा गया है और 429 ने शपथपत्र या किश्त का भुगतान किया है। गया में अभ्यर्थी शपथपत्र और भुगतान में सबसे आगे हैं।
दरभंगा: 1,459 में से 524 ने शपथपत्र या भुगतान किया है, जबकि 355 पर वाद दायर होना अभी बाकी है।
राज्य के 38 जिलों में से कुल 11,850 अभ्यर्थियों को नोटिस भेजा गया है और 27,258 पर नीलामपत्र वाद दायर किया गया है। अभी भी 27,277 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई लंबित है। बिहार शिक्षा वित्त निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मिनेंद्र कुमार ने 18 जुलाई 2025 तक की स्थिति की समीक्षा के बाद जिला प्रशासनों को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दे दिया है।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और डिफॉल्ट की समस्या
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 2016 में शुरू की गई थी। जिसके तहत बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। इसमें सामान्य स्नातक, स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग और रोजगारपरक कोर्स शामिल हैं। पुरुष छात्रों के लिए 4% और छात्राओं, ट्रांसजेंडर व दिव्यांग छात्रों के लिए 1% ब्याज दर लागू है।
इधर अब 2025-26 शैक्षणिक सत्र में 95,220 छात्रों को ऋण देने का लक्ष्य है, जिसमें पटना में 7,840 और शिवहर में 415 छात्र शामिल हैं। पिछले साल 90,335 आवेदनों में से केवल 75,000 को ऋण मिला। जो लक्ष्य से 12% कम ही था। लेकिन कई छात्रों द्वारा ऋण लेने के बाद किश्तों का भुगतान न करना और गायब हो जाना योजना की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
बिहार शिक्षा वित्त निगम ने अब इन डिफॉल्टरों को चिह्नित कर नीलामपत्र वाद दायर करने की प्रक्रिया शुरू की है। नीलामपत्र वाद के तहत डिफॉल्टरों की संपत्ति जब्त करने और नीलामी की कार्रवाई हो सकती है। नोटिस भेजने के बावजूद जवाब न देने वाले अभ्यर्थियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। गया जिला इस मामले में सबसे आगे है। जहां अभ्यर्थियों ने शपथपत्र जमा कर भुगतान शुरू किया है।