DELHI : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 40 वां दिन है. एक महीने से ज्यादा से दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का आक्रोश अभी भी कम नहीं हुआ है. बारिश के बीच किसान अभी भी सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसान आंदोलन के 40 वें दिन आज सरकार से एक बार फिर किसान संगठनों की बातचीत होगी. आठवें दौर की बातचीत में क्या गतिरोध खत्म हो पाएगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है.
किसान और सरकार के बीच अब तक सात दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन आज एक बार फिर से दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान नेता केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे. दोपहर 2 बजे यह वार्ता शुरू होगी. इससे पहले महत्वपूर्ण डेवलपमेंट में 30 दिसंबर को जब साथ में सातवें दौर की बातचीत हुई थी उस वक्त दो मुद्दों पर सहमति बन गई थी. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि पर्यावरण अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है, ऐसे में अब पराली जलाना जुर्म नहीं है. साथ ही साथ किसानों के साथ बिजली बिल का मसला भी सुलझ गया है. लेकिन असल मुद्दा किसान संगठनों की तरफ से कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी है. इन्हीं दो मुद्दों पर आज फिर से बातचीत होगी.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप के मुताबिक के नए साल में किसानों ने संकल्प लिया है कि वह आंदोलन को जारी रखेंगे. सरकार जब तक उनकी मांग मान नहीं लेती तब तक के दिल्ली से हटने का कोई सवाल पैदा नहीं होता. उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई है कि आज होने वाली बातचीत से कुछ सार्थक नतीजा सामने आएगा. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि वह कोई ज्योतिषी तो नहीं है लेकिन वह इतना जरूर कह सकते हैं कि बातचीत से ही कोई नतीजा सामने आएगा. प्रदर्शनकारी किसानों के साथ होने वाली बैठक अंतिम होगी या आगे भी बातचीत जारी रहेगी यह आज होने वाली वार्ता पर निर्भर करने वाला है.