ARA : किसी ने सच ही कहा है कि भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है। कुछ इसी तरह का वाक्या बिहार के रहने वाले एक युवक के साथ हुआ है। कल तक जो एक-एक पैसे के लिए मोहताज था, आज करोड़पति बन गया है। यह चमत्कार हुआ है आरा के रहने वाले दीपू ओझा के साथ। पेशे से एक गराज में मैकेनिक का काम करने वाले दीपू की किस्मत ने उसे फर्श से उठाकर अर्श पर पहुंचा दिया है। करोड़पति बने दीपू के परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं है। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
दरअसल, उदवंतनगर प्रखंड के कोहड़ा गांव निवासी योगेंद्र ओझा का बेटा है दीपू ओझा। जो मोबाइल पर गेम खेलकर करोड़पति बन गया है। रविवार को केकेआर और आरसीबी के बीच ड्रीम-11 पर उसने टीम बनाई थी। जिसमें वह डेढ़ करोड़ की राशि जीत गया। टैक्स काटकर दीपू के खाते में जीती गई राशि ट्रांसफर कर दी गई है। दीपू ओझा ने बताया कि वह पिछले 6 महीना से ड्रीम-11 पर टीम बनाता रहा है। हालांकि उसे क्रिकेट या क्रिकेटरों के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है। तुक्के पर ही वह टीम बनाता था और इस मैच में भी उसने तुक्का लगाया और डेढ़ करोड़ की राशि जीतने में सफल रहा।
दीपू ने बताया कि आंद्रे रसल को उसने टीम का कप्तान बनाया था। उसके सबसे ज्यादा पॉइंट उसे मिले हैं। दीपू पेशे से एक गैराज मेकैनिक है। कल शाम में कुछ काम नहीं था और पास में 60 रुपये थे। उस पैसे से बच्चों के लिए दूध ले जाना था। इसके बावजूद उसने टीम बनाकर दूध का पैसा उसमें लगा दिया और जब घर आया तबतक मैच खत्म हो चुका था। उसी समय पता चला कि वह विजेता बन गया है। उसे जब विश्वास नहीं हुआ तो अन्य कई लोगों से उसने एप्प को दिखाया। जब कई लोगों ने उसे देखा तब जाकर विश्वास हुआ कि वह डेढ़ करोड़ रुपये जीत चुका है।
सिर्फ 8वीं पास दीपू ओझा ने बताया कि मां और पापा अभी घर से बाहर गए हुए हैं। जब वह लोग आ जाएंगे तब सबके सलाह से इन पैसों को खर्च करने की प्लानिंग करेंगे। बता दें कि इससे पहले बिहार के आरा के ही एक युवक ने ऑनलाइन गेमिंग एप ड्रीम-11 से एक करोड़ रुपए जीते थे। आरा जिले के चरपोखरी प्रखंड के ठकुरी गांव के रहने वाले वेंकटेश सिंह के पुत्र सौरभ कुमार ड्रीम-11 के विजेता बने थे। सौरभ कुमार एक साल से ड्रीम-11 पर टीम बनाकर जीतने की कोशिश कर रहे था।