PATNA : नहाय-खाय के साथ सूर्य उपासना का छठ महापर्व शुक्रवार से प्रारंभ हो गया। व्रतधारियाें ने सबसे पहले अपने घरों की सफाई की। चना दाल, चावल और लौकी की सब्जी का प्रसाद बनाया। भगवान सूर्य और षष्ठी देवी की पूजा कर व्रतधारियाें ने प्रसाद ग्रहण किया, फिर परिजनों और पड़ोसियों को वितरित किए। इस दौरान घरों में छठ मइया के गीत गूंजते रहे। शनिवार को खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होगा।
दरअसल, छठ पूजा उत्सव के दूसरे दिन खरना होता है, इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर, घी लगी हुई रोटी और फलों का सेवन करती हैं। यही प्रसाद घर के बाकी के सदस्यों को भी दिया जाता है।
मालुम हो कि, खरना के दिन सूर्यास्त समय : 18 नवंबर शाम 05:26 पर है और अमृत काल पूजा मुहूर्त : 18 नवंबर 2023 शाम 06:01 से 07:33 के बीच रहेगा।
आपको बताते चलें कि, खरना का अर्थ खुद को साफ और शुद्ध रखना है। इसके लिए शुद्ध भोजन भी करते हैं। इसको लोहंडा के नाम से भी जानते हैं। इस पूजा में शुद्धता का खास खयाल रखा जाता है। इसी दिन से ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है।