‘सिंघासन खाली करो.. जनता आने लगी है’ केंद्र-राज्य सरकार के खिलाफ पटना में दीपंकर की हुंकार

‘सिंघासन खाली करो.. जनता आने लगी है’ केंद्र-राज्य सरकार के खिलाफ पटना में दीपंकर की हुंकार

PATNA: पटना के गांधी मैदान में आयोजित महागठबंधन क जन विश्वास रैली के मंच से CPI(ML) सीपीआईएमएल के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार हमला बोला। दीपंकर ने केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार से कहा कि सिंघासन खाली करो जनता आने लगी है।


जन विश्वास रैली को संबोधित करते हुए दीपंकर ने कहा कि पिछले 10 वर्षो से जो पार्टी देश को तबाह और बर्बाद कर रही है उसके नाम में तो जनता है लेकिन भारतीय जनता पार्टी का जनता से कोई लेना देना नहीं है। उसको अगर किसी चीज से मतलब है तो वो सिर्फ और सिर्फ सत्ता है। सत्ता की लालत और सत्ता का अहंकार उस पार्टी के रग रग में है। उसका एक ही काम है बुलडोजर के जरिए देश की जनता और देश की अर्थव्यवस्था को रौंद देना।


दीपंकर ने कहा की भारतीय जनता पार्टी को अपना चुनाव चिह्न कमल को बदलकर बुलडोजर रख लेना चाहिए लेकिन अब ये बुलडोजर राज नहीं चलेगा।दिल्ली में किसान अपनी मांग को लेकर खड़े हैं और यह सरकार खुद अडानी-अंबानी के सामने कालीन बनकर बिछ जाती है। किसान जब दिल्ली आना चाहते हैं तो सड़कों पर कील ठोक दी जाती है और गोली चलाई जाती है और किसान शहीद हो जाते हैं। भारत को विश्व गुरु बनाने की बात कहती है लेकिन गाजा के बच्चों को बचाने के लिए यह सरकार मुंह नहीं खोलती है। 


2024 का चुनाव आर-पार की लड़ाई है। अगर बिहार के लोगों ने ठान लिया कि 40 की 40 लोकसभा सीट पर महागठबंधन की जीत होगी तो दिल्ली की सरकार की विदाई तय है। जब 2020 के विधानसभा चुनाव में हमलोगों ने कहा कि बिहार के नौजवानों को नौकरी मिलेगी तो नीतीश कुमार मजाक उड़ाते थे लेकिन जब नीतीश कुमार कुछ समय के लिए पाला बदलकर महागठबंधन में आए थे। जब हमलोगों को मौका मिला तो न सिर्फ बिहार के अंदर जातीय गणना हुई बल्कि सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण भी हुआ।


बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ा और पक्की नौकरी की मुहिम शुरू हुई। नीतीश कुमार विकास की बात कहते थे लेकिन पूरे बिहार में दो तिहाई लोग 10 हजार रुपए महीने से कम की आमदनी पर किसी तरह से जीवन जी रहे हैं। उस वक्त नीतीश कुमार ने करीब एक लाख परिवारों को दो-दो लाख रुपए देने का वादा किया था लेकिन नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया। बिहार के गरीबों से कहेंगे कि वे दो लाख रुपए का गिन गिनकर हिसाब लें।