CHHAPRA: बिहार के स्कूल और कॉलेजों की बदहाली से हर कोई वाकिफ है। स्कूलों और कॉलेजों में संसाधनों की घोर कमी के बावजूद कुछ संसाधन उलपब्ध भी हैं तो देखरेख के अभाव में उनका हाल बुरा है। इसी तरह का एक मामला छपरा से सामने आया है, जहां तत्कालीन रेलमंत्री और सारण सांसद लालू प्रसाद द्वारा छात्राओं की सुविधा के लिए जेपी विश्वविद्यालय को दिए गए दो बस बदहाली की पूरी कहानी बता रहे हैं।
दरअसल, जयप्रकाश विश्वविद्यालय परिसर में खड़ी दो पीले रंग की बसें कबाड़ बनकर बदहाली की कहानी बयां कर रही हैं। सारण के तत्कालीन सांसद और उस वक्त रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद ने जेपी विश्वविद्यालय की छात्राओं को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सांसद मद से दिए थे। दोनों बसें विश्वविद्यालय सहित महिला महाविद्यालय को प्रदान किया गया था ताकि छात्राएं अपने घर से जो दूर देहात में रहती हैं उन्हें आने जाने में और अपनी पढ़ाई पूरी करने में कहीं से कोई परेशानी ना हो।
विश्वविद्यालय ने बस लेने को तो ले लिए लेकिन आज तक छात्रों के लिए ये बसें सड़कों पर दौड़ते हुए नजर नहीं आईं। कुछ कॉलेजों में यह बसें असामाजिक तत्वों के द्वारा जला दी गई तो कहीं बस के पार्ट पुर्जे चोरी कर लिए गए। छात्रों का कहना है कि अगर बसें चली होती तों उन्हें विश्वविद्यालय तक आने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। प्राइवेट वाहन मनमाने ढंग से पैसे वसूलते हैं। प्रतिदिन एक सौ से डेढ़ सौ रुपया किराया में खर्च हो जाता है। अगर बसें चलती तो शायद उनका इतना पैसा बर्बाद नहीं होता और परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ता।