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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 17 May 2024 07:35:38 AM IST
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PATNA : बिहार का शिक्षा विभाग और उसके अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार अपने फैसलों को लेकर सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। इसकी वजह है कि केके पाठक के द्वारा जारी किए गए आदेशों को लेकर कई बार नीतीश सरकार पर भी उंगलियां उठती रही हैं। ऐसे में अब एक बार फिर पाठक के द्वारा जारी किए गए आदेश को लेकर बवाल मच गया है।
दरअसल, केके पाठक ने प्रचंड गर्मी को देखते हुए बिहार के सरकारी विद्यालयों की टाइमिंग में बदलाव कर दिया है। नए आदेश के अनुसार राज्य के सरकारी स्कूलों में सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 तक बच्चों की कक्षाएं संचालित होंगी। अब इस आदेश से शिक्षक, छात्र और अभिभावक सभी परेशान हैं। इस बीच शिक्षा विभाग की ओर से जारी टाइम टेबल में संशोधन को लेकर बिहार विधान परिषद के पांच सदस्यों (एमएलसी) ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। शिक्षा मंत्री को लिखे गए पत्र में वर्तमान समय सारिणी को बदलकर सुबह 6.30 से 11.30 बजे तक करने की मांग की गई है।
इस पत्र में कहा गया है कि, महोदय राज्य के सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं संस्कृत विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश के बाद बिहार में गर्मी की स्थिति को देखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के लिए समय-सारिणी सुबह 06.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक तथा शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए दोपहर 1.30 बजे अतक के लिए निर्धारित किया गया है, जो व्यवस्था दिनांक 16.05.2024 से 30.06.2024 तक प्रभावी रहेगा। आप राज्य के ग्रामीण एवं शहरी परिवेश से पूर्णतः परिचित हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं काफी दूर-दराज क्षेत्र मे विद्यालय स्थित हैं और वहाँ पर आवासीय सुविधा नहीं होने के साथ-साथ आवागमन की उचित सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। साथ ही सुदूर देहाती क्षेत्र के विद्यालयों में आने-जाने एवं अल्पाहार तथा खान-पान की कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण शिक्षक-शिक्षिकाओं को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसी परिस्थिति में 06.00 बजे सुबह में शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यालय जाने में काफी कठिनाई होगी और प्रातः 06 बजे विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी पर्याप्त नहीं हो पायेगी। उक्त आदेश में 90 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति को अनिवार्य करने हेतु सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक एवं सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है। पूर्व की व्यवस्था में प्रातःकालीन कक्षा का समय 6.30 AM से 11.30AM तक निर्धारित था और इस समय सारिणी के तहत शिक्षक के साथ साथ छात्र-छात्रओं को भी विद्यालय आने में परेशानी नहीं होती थी। जिससे छात्र-छात्राओं की उपस्थिति भी पर्याप्त रहती थी।
इधर कई महीनों से देखा जा रहा है कि विभाग द्वारा कतिपय ऐसे-ऐसे आदेश निर्गत किए जा रहे हैं, जिसके कारण विद्यालयों में अध्यापन कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहा है। अगर समय रहते यदि ऐसे अव्यावहारिक आदेश / निर्देश को संशोधित नहीं किया जाता है तो विभागीय स्वचेछाचारिता के कारण शैक्षणिक माहौल बिगड़ता चला जायेगा। विभाग द्वारा समय-सारिणी के संदर्भ में शैक्षणिक घंटे (50 मिनट) को वास्तविक घंटे (60 मिनट) मानकर विद्यालय संचालन अवधि निर्धारित किया गया है, जो पूर्णतः अव्यावहारिक एवं अतार्किक है।
विगत दिनों विशेष कक्षा को आधार बनाकर शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश में भी कटौती कर ली गई। जबकि अभी तक अर्जितावकाश की संख्या इन विद्यालय के शिक्षकों के लिए क्रमशः चौदह (14) एवं ग्यारह (11) दिन ही है। जबकि तैतीस (33) दिन का अर्जितावकाश होना चाहिए। यहां तक की लोक आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण अवकाशों की कटौती में भी अभी तक विभागीय स्तर पर कोई संशोधन नहीं किया गया है। जो खेद जनक है। अतः उपर्युक्त वर्णित तथ्यों एवं परिस्थिति को देखते हुए आपसे अनुरोध है कि राज्य के सभी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के हित को देखते हुए पूर्व की भांति प्रातःकालीन कक्षा की संचालन अवधि 6.30 AM से 11.30AM तक निर्धारित करने हेतु अपने स्तर से यथोचित आदेश जारी करें।