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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Apr 2024 08:40:32 AM IST
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PATNA : बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच ठनी रार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। राज्यपाल ने केके पाठक को सोमवार को राजभवन में तलब किया है। इसको लेकर राज्यपाल के प्रधान सचिव की तरफ से एक लेटर भी जारी किया गया है। राजभवन ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सोमवार को दस बजे बुलाया है।
राज्यपाल के प्रधान सचिव की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि नौ अप्रैल को राजभवन में कुलाधिपति की अध्यक्षता में बीएएसयू और बीएयू को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें केके पाठक भी आमंत्रित थे, लेकिन केके पाठक इस बैठक में उपस्थित नहीं हुए। नौ अप्रैल की बैठक में केके पाठक की अनुपस्थिति पर राज्यपाल सह कुलाधिपति ने खेद जताया है और पूछा कि किन परिस्थितियों में उन्होंने ऐसा किया। इसी संदर्भ में केके पाठक को सोमवार को राज भवन में बुलाया गया है।
वहीं, दो दिन पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा था कि शिक्षा विभाग के कार्यों में राजभवन हस्तक्षेप न करे। इसको लेकर राज्यपाल सह कुलाधिपति के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू को पाठक ने पत्र लिखा था। इसमें इस पर भी कड़ी आपत्ति जताई है कि विभाग की बैठक में कुलपतियों को आने से राजभवन की ओर से क्यों रोक लगा दी जाती है।
उधर, केके पाठक ने पत्र में यह भी कहा कि विभाग के पास बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के प्रावधानों को लागू करने का दायित्व है। उन्होंने कुलाधिपति के प्रधान सचिव को कहा है 29 फरवरी को आपने यह स्वीकार किया है कि राजभवन की ओर से कुलपतियों को विभाग की बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गयी है। इसमें आप बतायें कि किस नियम के तहत ऐसा किया गया है। श्री पाठक ने पत्र में कुलाधिपति के अधिकारों को भी चुनौती दी है।