PATNA: बिहार पुलिस शराब पकड़ने में बिजी है औऱ अपराधी लूट, डकैती, चोरी से लेकर दूसरी घटनाओं को अंजाम देने में लगे हैं। ऐसी आपराधिक घटनायें ताबड़तोड़ बढ़ गयी है। जिन पर पुलिस कोई ध्यान ही नहीं दे रही है। सरकार के इस रवैये के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मसले पर जवाब मांगा है।
पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह और संजीव कुमार मिश्रा ने अलग अलग जनहित याचिका दायर की है। दोनों वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि पटना समेत बिहार के दूसरे हिस्सों में अपराध, चोरी, लूट, सेंधमारी जैसी घटनाओं में ताबड़तोड़ वृद्धि हुई है। सरकार इन घटनाओं को रोकने के बजाय शराबबंदी के लिए टास्क फोर्स बना रही है। इससे अपराधी बेलगाम होते जा रहे हैं।
शराब के लिए अलग से फोर्स बनाये
हाईकोर्ट में दायर याचिका में अधिवक्ताओं ने कहा है कि सरकार को शराब रोकने की फिक्र है तो इसके लिए अलग से फोर्स बनाये. ये फोर्स देखे कि शराबबंदी सही से लागू हो रही है या नहीं. लेकिन पुलिस को मूल रूप से उसका काम करने दिया जाये. पुलिस का मूल काम अपराधी की रोकथाम करना है. हाईकोर्ट से कहा गया है कि वह सरकार को निर्देश दे कि शराब रोकने के लिए अलग से फोर्स का गठन करे. पुलिस कानून व्यवस्था को देखे. कोर्ट से मांग की गयी है कि वह पुलिस को अपराधियों की धर पकड़ करने, नियमित पेट्रोलिंग करने का निर्देश दे. उन जगहों पर खास ध्यान दे जहां बुजुर्ग अकेले रहते हैं।
राज्य सरकार से जवाब मांगा
पटना हाईकोर्ट में आज मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है।