JNU वाले कन्हैया कुमार वामपंथी चोला उतार कर कांग्रेसी बनेंगे! दो दफे की है राहुल गांधी से मुलाकात, CPI में लगा दिये गये हैं किनारे

JNU वाले कन्हैया कुमार वामपंथी चोला उतार कर कांग्रेसी बनेंगे! दो दफे की है राहुल गांधी से मुलाकात, CPI में लगा दिये गये हैं किनारे

DESK: अपनी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानि CPI में किनारे लगा दिये गये जेएनयू वाले कन्हैया कुमार अब कांग्रेसी पंजा थामने की तैयारी में हैं. कांग्रेस के सूत्र तो ऐसी ही खबर दे रहे हैं. कांग्रेस के नेता बता रहे हैं कि कन्हैया कुमार ने दो दफे राहुल गांधी से मुलाकात की है. दोनों मुलाकात में प्रशांत किशोर भी मौजूद थे. माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर ही उन्हें कांग्रेस में लाने में अहम रोल निभा रहे हैं. 


CPI से आउट हुए कन्हैया

दरअसल कन्हैया कुमार अपनी पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया यानिCPI से आउट कर दिये गये हैं. दिल्ली स्थित सीपीआई के मुख्यालय में उन्हें एक कमरा दिया गया था, उसे खाली करा लिया गया है. दरअसल सीपीआई ने कन्हैया कुमार की हरकतों को गंभीरता से लिया था. कन्हैया कुमार पर पटना स्थिति पार्टी कार्यालय में पार्टी के एक सीनियर लीडर के साथ गाली-गलौजऔऱ मारपीट करने का आरोप लगा था. पिछले दिनों पार्टी की बैठक हैदराबाद में हुई थी तो उसमें कन्हैया के खिलाफ बकायदा निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था. 


कांग्रेस में जाने की तैयारी

कांग्रेसी सूत्र बता रहे हैं कि कन्हैया कुमार को कांग्रेस में शामिल कराने की पटकथा प्रशांत किशोर ने लिखी. उनकी पहल पर ही कन्हैया की राहुल गांधी से मुलाकात हुई है. वैसे कन्हैया कुमार के करीबी मित्र और कांग्रेसी नेता नदीम जावेद भी उनकी ओर से आलाकमान से बात कर रहे हैं नदीमजावेद उत्तर प्रदेश के जौनपुर सदर से एक दफे विधायक रह चुके हैं. वे कांग्रेसके छात्र संगठन NSUI और कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. उनकी कन्हैया कुमार से पुरानी दोस्ती रही है. वे भी कन्हैया को कांग्रेस में लाने की मध्यस्थता कर रहे हैं. 


राहुल गांधी को कन्हैया से आस

एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि राहुल गांधी को कन्हैया कुमार से बहुत उम्मीदे हैं. दरअसल 1990 तक बिहार की सत्ता में रही कांग्रेस बिहार में लगातार सिमटती गयी. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार में विधानसभा की 19 सीटें मिली. लेकिन ये हकीकत छिपी नहीं है कि राजद के वोट बैंक ने कांग्रेस को इस आंकड़े तक पहुंचाया. वर्ना 2010 के चुनाव में अपने दम पर लडकर कांग्रेस सिर्फ 4 सीटें ला पायी थी. राहुल गांधी को लग रहा है कि कन्हैया कुमार के आने से बिहार में पार्टी का रूप रंग बदल जायेगा. 


क्या करेंगे कन्हैया

कन्हैया कुमार बिहार की सियासत से बहुत जुड़े हुए नहीं रहे हैं. उन्होंने 2019 का चुनाव बिहार में सीपीआई का गढ माने जाने वाले बेगूसराय से लड़ा था लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह से वे बुरी तरह चुनाव हारे. कन्हैया कुमार तकरीबन सवा चार लाख वोट से चुनाव हारे. उसके बाद जब केंद्र की बीजेपी सरकार ने सीएए लाया तो कन्हैया ने बिहार में यात्रा भी निकाली लेकिन वो भी फ्लॉप ही मानी गयी. इस यात्रा के कर्ताधर्ता भी कांग्रेस के विधायक शकीलअहमद खान थे.