BIHAR NEWS : 'जिया हो बिहार के लाला ...., ' बिहार के इस जिले में तैयार हुआ एफिल टावर ! महज 5 फीट की जमीन में खड़ा कर दिया 6 मंजिला इमारत; पढ़िए क्या है पूरी खबर

BIHAR NEWS : 'जिया हो बिहार के लाला ...., '  बिहार के इस जिले में तैयार हुआ एफिल टावर !  महज 5 फीट की जमीन में खड़ा कर दिया 6 मंजिला इमारत; पढ़िए क्या है पूरी खबर

SAHARSA : बात बिहार की हो और कुछ अनोखी न तो शायद फिर उसमें बिहार की खुशबु नहीं है। यह बातें इसलिए कही जाती है क्योंकि बिहार हेमशा अलग चीज़ों के लिए जाना जाता है फिर फिल्ड कोई भी क्यों न हो। अब एक ऐसा ही मामला सहरसा से सामने आया है। जहां महज 5 फ़ीट की जमीन में 6 मंजिला बिल्डिंग तैयार कर दिया गया और लोग इसे अब एफिल टावर  कह रहे हैं। 


दरअसल, बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले अमित यादव ने एक बार फिर यह बता दिया है कि बिहार को जुगाड़ करने वाला राज्य क्यों कहा जाता है ? ऐसी क्यों चर्चा होती है कि बिहार में हर समस्या का हल है ? अब यहां अमित न महज 5 फीट  की जमीन में  एक बिल्डिंग तैयार कर दिया और दिखने भी वह काफी अलग लग रहा है जो आप तस्वीरों में देख सकते हैं। इससे यह प्रूफ होता है कि बिहार को यूं ही नहीं जुगाड़ी बादशाह कहा जाता है। 


सहरसा का एक अजूबा घर जो इन दिनों पुरे इलाके के लिए सेल्फी प्वाइंट बना हुआ है। जिले के बैजनाथपुर स्थित सबेला के रहने वाले अमित कुमार ने एक ऐसा घर बनाया है जिसे देख हर कोई दंग रह जाता है। यह इमारत 5 फीट चौड़ा और 80 फीट लंबा तैयार किया गया है। यही नहीं महज 5 फीट चौड़ा और 80 फ़ीट लंबा जमीन पर 6 मंजिला इमारत खड़ा कर दिया। वह भी बिना किसी इंजीनियर के सहारे। अब शहर और आसपास के इलाके में यह मकान इतना मशहूर हो चुका है कि स्थानीय लोग इसकी ऊंचाई के कारण इसे एफिल टावर के नाम से पुकारते है। 


बताया जा रहा है कि जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रहा था तब अमित ने इस जमीन पर मकान बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी इस इमारत को देख आप भी कहेंगे, जिया हो बिहार के लाला! अमित ने यह अनोखा मकान खासकर रोजगार के लिए बनाया है और इसी 6 मंजिला इमारत में अमित कपड़े का शोरूम चलाते हैं। 


अमित यादव ने बताया कि लगभग 90 लाख की लागत से उन्होंने 6 मंजिल का मकान  बनाया है इस मकान को बनाने में किसी इंजीनियर का सहारा नहीं लिया गया बल्कि स्थानीय मजदूर के हाथों से यह पूरा मकान तैयार किया गया है खुद से मकान का नक्शा तैयार किया गया और उसी नक्शा के आधार पर इमारत को खड़ा किया गया। वही लगभग 1 साल में ये इमारत बनकर तैयार हो गया।