PATNA: बिहार विधानसभा परिसर में मंत्री जीवेश मिश्रा को रोक कर पटना के डीएम और एसएसपी का काफिला पार कराने के मामले में बड़ी खबर सामने आयी है. सूत्रों के हवाले से ये खबर आ रही है कि मंत्री को पटना के एसएसपी का काफिला गुजारने के लिए रोका गया था. सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से ये बात निकल कर सामने आयी है कि 7 गाड़ियों के काफिले के साथ पटना के एसएसपी विधानसभा परिसर में घुसे थे और उनका रास्ता खाली कराने के लिए मंत्री की गाड़ी रोक दी गयी थी.
सीसीटीवी कैमरे ने खोला राज
विधानसभा के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि अध्यक्ष के चेंबर में उस वाकये का सीसीटीवी फुटेज चलाया गया जिसमें मंत्री की गाड़ी को रोक दिया गया था. फुटेज में जो दिख रहा है उसके मुताबिक दिन के लगभग 11 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला विधानसभा के विशेष गेट से कैंपस में घुसा. इस गेट से सिर्फ सीएम, विधानसभा अध्यक्ष और सभापति की गाड़ी घुसती है. सीएम का काफिला जब विधानसभा परिसर में घुसी तो बाकी सारी गाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया. मंत्रियों-विधायकों की गाड़ियां रोक दी गयी थी.
बिहार के मुख्यमंत्री जब अपने आवास से बाहर निकलते हैं तो उनके साथ कम से कम दर्जन भर गाड़ी होती है. काफिले की आखिरी गाड़ी एंबुलेंस होती है जो हर समय सीएम के कारकेड के साथ चलती है. हमारे सूत्र बता रहे हैं कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि सीएम के काफिले में एंबुलेंस के गुजर जाने के बाद भी मंत्रियों-विधायकों की गाड़ियों को आगे बढ़ने से रोक कर रखा गया. सीएम का काफिला गुजरने के कुछ मिनट बाद वीवीआईपी गेट से सात गाड़ियों का काफिला अंदर घुसा. उस काफिले में पटना के डीएम और एसएसपी की भी गाड़ी थी. सीसीटीवी कैमरा का फुटेज बता रहा है कि सीएम का काफिला गुजरने के बाद मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी आई थी लेकिन उसे वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने रोक दिया. उनकी गाड़ी को तभी जाने दिया गया जब डीएम और एसएसपी के 7 गाड़ियों का काफिला गुजर गया.
डीएम नहीं थे, सात गाड़ियों के साथ आये थे एसएसपी
हमारे सूत्र बता रहे हैं कि जिन सात गाड़ियों के काफिले के लिए मंत्री की गाड़ी रोकी गयी थी उसमें डीएम की गाड़ी जरूर थी लेकिन वे अपनी गाड़ी में मौजूद नहीं थे. हां, पटना के एसएसपी और उनकी गाड़ी जरूर दिख रही है. एसएसपी की गाड़ी को मुस्तैदी से निकालने के लिए मंत्री-विधायकों की गाड़ियों को रोकने वाले सिपाही और दूसरे पुलिस अधिकारी भी सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे हैं.
गुरूवार की देर रात जब पटना के डीएम और एसएसपी मंत्री जीवेश मिश्रा के आवास पर पहुंचे थे तो मंत्री ने भी स्वीकार किया कि उन्हें जानकारी मिली है कि उस काफिले में डीएम की गाड़ी थी लेकिन डीएम खुद नहीं थे. मंत्री ने कहा कि उन्हें अब जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक उस काफिले में सिर्फ एसएसपी थे जिसके लिए मंत्री की गाड़ी रोक दी गयी थी.
क्या एसएसपी पर कार्रवाई करेगी सरकार
पुलिस मैनुअल कहता है कि किसी भी घटनास्थल पर पुलिस का जो वरीयतम पदाधिकारी मौजूद रहता है कमांड उसके हाथों में होती है. लिहाजा अगर मंत्री की गाड़ी रोक कर गलती की गयी है तो नियमों के मुताबिक उसकी जिम्मेवारी पटना के एसएसपी की होती है. सवाल ये उठ रहा है कि क्या सरकार पटना के एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई करेगी. क्या विधानसभा अध्यक्ष भी पटना के एसएसपी पर कार्रवाई कर पायेंगे. पटना के मौजूदा एसएसपी उपेंद्र शर्मा सीधे मुख्यमंत्री के खास माने जाते हैं. लिहाजा अपने करियर में कोई खास उपलब्धि नहीं होने के बावजूद उन्हें लंबे अर्से से पटना का एसएसपी बना कर रखा गया है. सियासी और प्रशासनिक हलके में चर्चा यही होती रही है कि वे सरकार के ‘टास्क’ को पूरा करने में तत्पर जरूर दिखते रहे हैं.