PATNA: छठ के दौरान बिहार के सीतामढ़ी और गोपालगंज में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर बिहार में सियासत गर्म हो गई है। एक तरफ जहां सत्ताधारी दल सरकार के बचाव में उतर गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। बिहार के पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने शराब से हुई कथित मौतों को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन की सरकार पर हमला बोला है।
दरअसल, बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बाद भी शराब के अवैध कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है। राज्य के अलग अलग जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की लगातार मौतें हो रही हैं। सीतामढ़ी में छठ पर्व के नहाय खाय और खरना के दिन पांच लोगों की मौत के बाद गोपालगंज में भी कथित जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 5 हो गई है।
सीतामढ़ी और गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से अबतक 10 लोगों की जान जा चुकी है। मृतकों के परिजन कह रहे हैं कि जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है जबकि पुलिस मौत की वजह बीमारी बता रही है। शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब से लोगों की हो रही मौत को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है और विपक्षी दलों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद शराब से हो रही मौत सरकार की विफलता को दर्शाता है।
शराबबंदी पर लगातार सवाल उठाने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। मांझी ने एक्स पर लिखा कि, ‘ज़हरीली शराब के नाम पर दलितों को थोड़ी-थोड़ी मौत क्यों बांट रहें हैं नीतीश जी? एक ही बार ‘जनरल डायर’ टाइप लाईन में खड़ा करके सबको गोली मार दीजिए, आपके नफ़रत का अंत हो जाएगा। ज़हरीली शराब से हो रही मौत को नहीं रोक सकते तो शराबबंदी कानून का क्या मतलब है? कम से कम गुजरात से तो सबक लीजिए’।