PATNA: बिहार में शिक्षकों की बहाली को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां राज्य सरकार 1.70 लाख पदों के लिए हुआ शिक्षकों की बहाली को बड़ी उपलब्धि बता रही है तो वहीं बीजेपी के साथ साथ एनडीए के सहयोगी तक शिक्षक बहाली में बड़ी धांधली का आरोप लगा रहे हैं। एनडीए में शामिल हिंन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार में हुए शिक्षक बहाली को लेकर सवाल उठाया है और इसमें बहुत बड़े घोटाले की बात कही है।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा है कि बिहार में 1.70 लाख पदों पर हुई बीपीएससी शिक्षक बहाली में रेलवे के लैंड फॉर जॉब स्कैम की तरह बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंन आरोप लगाया है कि शिक्षक बहाली में पैसे लेकर लोगों को नौकरियां दी गई हैं। जीतन राम मांझी ने इस घोटाले की जांच कराने की मांग सरकार से कर दी है। उन्होंने सरकार पर राज्य के युवाओं के साथ धोखा देने का आरोप लगाया है।
मांझी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, BPSC शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है। आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के “लैंड फॉर जॉब” के तर्ज पर “मनी फॉर जॉब” स्कीम के तहत की गई है। “पैसा दो सरकारी नौकरी लो” घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार ने युवाओं का बेडा गर्क कर दिया है।
बता दें कि बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए सरकार ने करीब 1.70 लाख पदों पर भर्ती निकाली थी। इस परीक्षा में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल हुए थे लेकिन सिर्फ 1.22 लाख पद ही भरे जा सके हैं। रिजल्ट आने के बाद नवनियुक्त शिक्षकों की काउंसिलिंग का काम चल रहा है। आगमी दो नवंबर को सीएम नीतीश गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे हालांकि इससे पहले ही जीतन राम मांझी से नियुक्ति में घोटाले का आरोप लगा दिया है।