जिसे बेटी समझ परिजनों ने किया अंतिम संस्कार, एक महीने बाद आई सामने, गैंगरेप और हत्या मामले में नया खुलासा

जिसे बेटी समझ परिजनों ने किया अंतिम संस्कार, एक महीने बाद आई सामने, गैंगरेप और हत्या मामले में नया खुलासा

MOTIHARI: मोतिहारी में 16 जून से जो नाबालिग लड़की गायब थी। उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में दो युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। उधर परिजनों ने शव का दाह संस्कार कर श्राद्धकर्म भी कर दिया। लेकिन करीब एक महीना बाद 23 जुलाई को वो लड़की जिसे सब मृत समझ रहे थे मुफ्फसिल थाने पहुंच गयी। जिसकी सूचना पुलिस ने परिजनों को दी। जिस लड़की की लाश को वो अपनी बेटी समझ कर अंतिम संस्कार किया अब उसके आने की सूचना मिलते ही मां थाने पर पहुंच गयीं। 


बताया जाता है कि एक महीने पूर्व मोतिहारी में गैंगरेप के बाद लड़की की हत्या का मामला सामने आया था। मुफ्फसिल थाने के मनरेगा पार्क के पास एक लड़की का शव मिला था। जिस लड़की को सभी मृत समझ रहे थे, उसे पुलिस ने मंगलवार की रात करीब 8 बजे जिंदा बरामद किया। जिसके बाद हत्याकांड का खुलासा हुआ। बता दें कि लड़की के परिजनों ने उसका गया मुक्तिधाम में पिंडदान तक कर दिया था। अब लड़की ने यह जानकारी दी है कि वह अपने घर से 16 जून की रात कुरकुरे चिप्स खरीदने के बहाने निकली थी। बॉय फ्रेंड नौशाद राजा से मिलने के लिए वो जा रही थी। इसी बीच कुछ लोगों ने मारपीट की। जहां से अपने बॉय फ्रेंड के साथ वो भाग निकली। इसी बीच ग्रामीण मुन्ना पासवान के घर पहुंची। 


मुन्ना के पड़ोसी मुझे वहां से जबरन टैंपो पर बैठा कर ले गए और बारी-बारी से रेप किया। फिर वहां से छतौनी ले जाकर छोड़ दिया। जहां से बस पकड़ कर हम मां के रिश्तेदार के यहां तुरकौलिया चले गए। तुरकौलिया से मुझे रास्ता नहीं पता चल रहा था। रास्ते में स्थानीय संजय सहनी की पत्नी की नजर पड़ी, तो वह मुझे बुलाकर अपने घर ले गई। वहां पर मुझसे घर के बारे में पूछा, तो सब बताए। लेकिन, घर वाले को बताने से मना कर दिया। दस दिन के बाद हमने पापा के फोन किया। लेकिन, पापा ने रोंग नंबर कहकर रख दिया। 


उसके बाद से हम डर से घर नहीं आ रहे थे। इधर लड़की के पिता ने कॉल आने की बात से इनकार किया है। बता दें कि 16 जून की रात घर से कुरकुरे लेने निकली नाबालिग के साथ चार दोस्तों ने मिल कर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में 19 जून को नाबालिग की मां के आवेदन पर नगर थाने की पुलिस ने तीन नामजद और दो अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। इसी बीच 22 जून को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के धनौती नदी से एक लकड़ी का शव बरामद किया था। 


जिस शव को 29 जून को नाबालिग के परिजन ने अपनी बेटी का शव बताया था। इसके बाद मामले ने तुल पकड़ लिया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी गुड्डू साह को सीतामढ़ी से पकड़ा जिसने अपना जुर्म भी स्वीकार कर लिया था। आरोपी ने पुलिस को बताया था कि चार दोस्तों ने मिलकर रेप किया था। इसी दौरान उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद हम लोगों ने उसी के दुपट्टा में लपेट कर धनौती नदी में ले जाकर कुम्हि में छिपा दिये थे। पुलिस ने अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज कर दी थी, जिसके बाद रंजन पासवान ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था।


 इधर, मुफ्फसिल थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने लगातार तलाश जारी रखा था। इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि एक लकड़ी तुरकौलिया थाना क्षेत्र के कमिटी चौक के पास संजय सहनी के घर पर है, उसके बाद अपने गुप्तचर से सूचना का सत्यापन किया गया। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद वहां पहुंचने पर वह लकड़ी मिली, जहां से उसे थाना लाया गया। हालांकि, इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि पुलिस ने किस लड़की का शव बरामद किया था। 


फिलहाल, आरोपी मनीष पासवान और अमर कुमार फरार है। जबकि, आरोपी रंजन पासवान, गुड्डू साह और लड़की का प्रेमी नौशाद राजा जेल में है। वही लड़की की माँ बेटी मिलने से काफी खुश है। लेकिन सवाल यह बड़ा है कि आखिर जिंदा लड़की का पिंडदान कैसे कर दिया गया। दूसरी लाश की पहचान कैसे अपनी बेटी के रूप में परिजनों ने की। जिस लड़की का दाह संस्कार किया गया वो लड़की कौन थी। एएसपी शिखर चौधरी ने बताया कि मामला दुष्कर्म के बाद हत्या का है अब लड़की जिंदा है अब अन्य एंगल से भी जांच की जाएगी।