DESK : ग्रामीणों द्वारा एक झोलाछाप डॉक्टर को थप्पड़ और डंडों से पीटे जाने का मामला सामने आया है. दरअसल, डॉक्टर, बिना जांच किये सर्दी जुकाम के मरीजों को कोरोना से डराकर पैसे ऐंठता था. जब ग्रामीण जांच कराने की बात कहते थे तो स्वास्थ्य विभाग से टीम बुलाकर 14 दिन के लिए आइसोलेट करा देने की धमकी देता था. फिर क्या एक दिन ग्रामीणों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया.
मामला उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के शिकोहाबाद थाना क्षेत्र का है. जानकरी के अनुसार, नगला बाग निवासी राकेश कुमार ग्रामीण क्षेत्र में लोगों का इलाज करते हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक उनके पास कोई डिग्री नहीं है. नगला जवाहर निवासी ग्रामीणों ने उन्हें गांव में सर्दी और जुकाम होने की बात कहते हुए उपचार के लिए गांव बुलाया था. गांव में एक वृद्ध जो सर्दी और जुकाम से ग्रसित थे. डॉक्टर ने उन्हें देखते हुए कोरोना घोषित कर दिया जबकि उनकी कोरोना की जांच भी नहीं हुई थी.
कोरोना सुनते ही ग्रामीणों ने डॉक्टर को पकड़ लिया और जमकर पिटाई कर दी. डॉक्टर के मुताबिक एक ग्रामीण ने उनके सिर में हथौड़े से वार कर दिया जिससे वह घायल हो गए. किसी तरह डॉक्टर अपनी जान बचाकर शिकोहाबाद थाने पहुंच गए. जहां डॉक्टर ने लूट और मारपीट करने का बयान दिया है. पुलिस ने घायल डॉक्टर को अस्पताल में भर्ती कराया.
मामले की जांच करने जब पुलिस पहुंची तो ग्रामीणों ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीणों को कोरोना का भय दिखाकर उनसे पैसे ऐंठता है. पैसे न देने पर स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देकर 14 दिन के लिए आइसोलेट कराने की बात कहता है. गांव में मरीज देखते समय डॉक्टर ने ऐसा ही किया. मरीज को कोरोना बता दिया. इस मामले में इंस्पेक्टर शिकोहाबाद पीके मलिक का कहना है कि बयान के आधार पर मामले की जांच की जा रही है.