RANCHI: कोरोना संकट के बीच लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हुई और ऐसे में बंद स्कूल परिजनों से जबरन हर तरह का फीस वसूल रहे हैं. इसको लेकर लगातार मांग उठ रही है कि सरकार मनमानी करने वाले स्कूलों पर रोक लगाए. लेकिन इस मामले में बिहार बिल्कुल फेल रहा है. पड़ोसी राज्य झारखंड ने निजी स्कूलों के मनमानी पर नकेल कस दिया है.आदेश जारी किया है कि निजी स्कूल सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले सकती है.अगर नहीं माने तो उनका एनओसी रद्द कर दिया जाएगा. लेकिन आज तक बिहार कोई फैसला नहीं ले सका.
आदेश नहीं मानने पर एनओसी होगा रद्द
झारखंड में लॉकडाउन अवधि के दौरान का सिर्फ अभिभावकों को ट्यूशन फीस ही देना होगा. इसको लेकर झारखंड सरकार ने आदेश जारी कर दिया है. अगर कोई निजी स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उसका एनओसी रद्द कर दिया जाएगा.
फीस नहीं देने पर नहीं काट सकते नाम
आदेश के अनुसार कोरोना की वजह से जब तक स्कूल बंद रहेंगे तबतक ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल फीस, डेवलपमेंट चार्ज, बस किराया समेत अन्य किसी तरह की फीस का भुगतान नहीं करना होगा. इसको लेकर कोई स्कूल स्टूडेंट के परिजनों पर दवाब भी नहीं दे सकते हैं. विशेष सचिव जटाशंकर चौधरी ने निर्देश दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में स्कूल फीस में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी और स्कूल खुलने से पहले सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जाएगी. अगर किसी कारण परिजन ट्यूशन फीस जमा नहीं करते हैं तो स्टूडेंट का नाम नहीं काटेंगे और इस फीस को लेकर ऑनलाइन शिक्षा से स्टूडेंट को वंचित नहीं कर सकते हैं.