RANCHI : झारखंड सरकार ‘जाति आधारित जनगणना’ कराने पर विचार कर रही है। राज्य सरकार की इसकी तैयारी में जुटी है। विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जायेगा। इससे जातियों को जनसंख्या के आधार पर नियुक्ति से लेकर अन्य लाभ मिल पाएं इसी को लेकर राज्य सरकार ‘जाति आधारित जनगणना’ करने को लेकर विचार कर रही है।
इसी कड़ी में अब आज कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने एक बार फिर से जाति आधारित जनगणना’ कराने को लेकर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया। जिसके बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा झारखंड में जाति जनगणना कराने पर सरकार विचार करेगी। उन्होंने कहा जाति जनगणना के पक्ष में झारखंड की सरकार भी है। इसलिए इसपर जल्द फैसला लिया जाएगा।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सरकार से पूछा कि- ओबीसी का आरक्षण जो 27 प्रतिशत करना था सरकार उसपर क्या विचार रखती है। जाति जनगणना सरकार कराना चाहती है ये सरकार ने कहा था हम 77 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक पारित किये है वो किन कारणों से विधायी कार्य प्रक्रिया विहीन है ये कारण सरकार हमें बताये। सरकार जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव सदन में पास कराये। और बिहार के तर्ज पर जातिगत जनगणना कराये ।
इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि- हमलोगों ने 77 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव 2022 में ही पास करा दिया था और ये प्रक्रिया विहीन है। इसके बाद प्रदीप यादव ने संसदीय कार्य मंत्री को टोकते हुए कहा कि- किस वजह से ये प्रक्रिया विहीन है यही तो जानना चाहते है? इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि कारण ये है जब भी हम महामहिम राज्यपाल के यहां हम बिल भेजते है उस समय कोई आपत्ति लगती है तो फिर से बिल लटक जाता है, हम महामहिम से आग्रह करेंगे कि आपत्ति के बाद फिर से विधानसभा में बिल वापस भेजा जाए .इसका आग्रह हम करेंगे।
इधर, जातिगत जनगणना पर आलमगीर आलम ने कहा कि- हम जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव पास कराकर केंद्र सरकार को भेजेंगे अगर ऐसा नहीं हुआ तो जैसा पटना हाईकोर्ट ने डिसीजन दिया है राज्य सरकार भी जातिगत जनगणना करायेगी।