RANCHI : झारखंड चुनाव में अपनी ताकत दिखाने का एलान कर चुके नीतीश कुमार को अपने बहुप्रचारित नीतीश मॉडल पर भरोसा नहीं रह गया है. लिहाजा झारखंड में जदयू के लिए वोट मांगने का नया फार्मूला इजाद किया गया है. नीतीश की पार्टी झारखंड के वोटरों को आरक्षण का लॉलीपॉप दिखायेगी और बदले में वोट मांगेगी. 7 नवंबर को जदयू की बैठक रांची में होने जा रही है, बैठक में चुनावी रणनीति से लेकर उम्मीदवार तय करने पर विचार होगा.
83 फीसदी आरक्षण का लॉलीपॉप
दरअसल जदयू की ओर से लगातार कहा ये जा रहा था कि झारखंड में नीतीश मॉडल के शासन को चुनावी मुद्दा बनाकर वोट मांगा जायेगा. लेकिन पूरे देश में नीतीश मॉडल की भद्द पिट चुकी है और बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड के लोग इसे बेहतर समझ रहे हैं. लिहाजा जदयू ने नया चुनावी मुद्दा तलाशा है. जदयू ने झारखंड में 83 फीसदी आरक्षण लागू करने की घोषणा की है. हालांकि पूरे देश में अब तक कहीं 83 फीसदी आरक्षण नहीं है लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी झारखंड में इसे लागू करने का एलान कर रही है.
जदयू प्रदेश अध्यक्ष का दावा
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मु कहते हैं कि हमने राज्य में 83 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का वादा किया है और हम चुनाव में इसे प्रमुख मुद्दा बनायेंगे. मुर्मु के मुताबिक इसी साल 7 सितंबर को नीतीश कुमार की मौजूदगी में झारखंड जदयू की बैठक में 83 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव पारित किया गया था. इसके मुताबिक अगर जदयू की सरकार बनती है तो अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 14 प्रतिशत, पिछडा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जायेगा. झाऱखंड में फिलहाल अनुसूचित जनजाति को 26 फीसदी, अनुसूचित जाति को 10 फीसदी, पिछडे वर्ग को 14 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण लागू है.
7 नवंबर को जदयू की बैठक
उधर, चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए झारखंड जदयू की बैठक 7 नवंबर को रांची में होगी. झारखंड जदयू के नेताओं के मुताबिक बैठक में चुनाव अभियान की रूपरेखा तय करने के साथ ही उम्मीदवारों के चयन पर भी चर्चा होगी. हालांकि पार्टी के सूत्र बताते हैं कि कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिये गये हैं. झारखंड जदयू के प्रभारी और बिहार सरकार के मंत्री रामसेवक सिंह के मुताबिक JDU झारखंड की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. रामसेवक सिंह के मुताबिक उनकी पार्टी का किसी और दल से कोई तालमेल नहीं होगा. वे दावा कर रहे हैं कि झारखंड के लोगों में जदयू और नीतीश के लिए खासा उत्साह है और चुनाव में उनकी पार्टी काफी बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है.