DESK: जहानाबाद के एक शख्स की मौत के बाद अंतिम संस्कार के दौरान श्मशान में जो ड्रामा हुआ वैसा आपने पहले शायद ही कभी सुना होगा. मुखाग्नि पड़ने वाली थी कि श्मसान घाट में पहुंचे बेटे ने भारी हंगामा मचा दिया. इसके बाद अंतिम संस्कार रोक दिया गया. पुलिस को बुलाया गया लेकिन फिर ऐसा कुछ हुआ कि बेटा ही नहीं बल्कि दूसरे परिजन भी शव को छोड़ कर भाग खड़े हुए.
श्मशान में ड्रामा
वाकया पड़ोसी राज्य झारखंड के जमशेदपुर का है लेकिन इसके पात्र बिहार के जहानाबाद जिले के रहने वाले हैं. जमशेदपुर के बिष्टूपुर स्थित पार्वती घाट में रामजी प्रसाद नाम के व्यक्ति की मौत के बाद मुखाग्नि होने वाली थी कि बेटे ने ड्रामा खड़ा कर दिया. बेटे ने श्मशान में हंगामा करते हुए कहा कि उसके पिता को मार डाला गया है. उसने पुलिस को खबर कर दिया. हंगामे के कारण अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. पुलिस वहां पहुंची औऱ उसने शव को अपने कब्जे में ले लिया.
सौतेली मां पर बाप के मर्डर का आरोप
श्मशान घाट में हंगामा कर रहे व्यक्ति ने कहा कि वह जहानाबाद से अभी तुरंत वहां पहुंचा है. उसे किसी दूसरे व्यक्ति ने पिता की मौत की खबर दी थी. उसे खबर मिली है कि उसकी सौतेली मां, सौतली बहन और भांजा ने मिलकर हत्या कर दिया है. आरोप लगा रहे व्यक्ति का नाम अमरेश कुमार है और वह बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है. उसके पिता रामजी प्रसाद भी जहानाबाद के निवासी हैं और कुछ दिनों से गम्हरिया के भालोटिया रोड में रह रहे थे. अमरेश ने आरोप लगाया कि उसकी सौतेली मां, बहन और भगीना ने उसके पिता की संपत्ति अपने नाम लिखवा लिया और फिर उन्हें पीट-पीट कर मार डाला.
शरीर पर मिले जख्म के निशान
अमरेश ने पुलिस को कहा कि वह शव को देखे. पुलिस ने शव के उपर रखे लकड़ी को हटवा कर जांच पड़ताल की. उसमें शरीर पर कई जगह चोट का निशान पाया गया. इसके बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में कर लिया. हालांकि अंतिम संस्कार कराने जो लोग आये थे वे एक चिकित्सक की रिपोर्ट दिखा रहे थे जिसमें कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत होने की लिखी गयी थी. लेकिन पुलिस को मामला संदेहास्पद लगा, लिजाहा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
पुराना है संपत्ति विवाद
अमरेश ने बताया कि उसकी सौतेली मां काफी दिनों से उसके पिता की संपत्ति हड़पने की साजिश रच रही है. कुछ महीने पहले उसकी सौतेली मां ने रामजी प्रसाद के अपहरण की झूठी रिपोर्ट दर्ज करा दी थी और उसमें अमरेश के बेटे को अभियुक्त बना दिया था. पुलिस ने पोते को ही दादा के अपहरण के आरोप में जेल भेज दिया था. अमरेश ने कहा कि उसका बेटा निर्दोष था, फिर भी उसे जेल की हवा खानी पड़ी. अमरेश ने कहा कि उसके पिता को पीट-पीटकर कर मार डाला गया और फिर मौत का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया गया.
जमीन लिखवा कर मर्डर कर दिया
अमरेश ने पुलिस को बताया कि उसके पिता के नाम पर बिहार के जहानाबाद में कीमती जमीन है. उसकी सौतली मां औऱ सौतेली बहन ने उस जमीन के लिए उसके पिता को जमकर टार्चर किया. उनके साथ रोज मारपीट की गयी. रामजी प्रसाद से जहानाबाद की जमीन को जबरन लिखवा लिया गया. लेकिन उसके लिए उनकी इतनी पिटाई की गयी कि रामजी प्रसाद की मौत हो गयी.
शव छोड़ भाग गये सारे परिजन
श्मशान घाट में ड्रामे के कारण काफी देर तक अफरातफरी मची रही. पोस्टमार्टम हाउस में भी एक शव के चक्कर में अन्य शवों का पोस्टमार्टम रुका रहा. लेकिन सबसे विकट स्थिति तब पैदा हुई जब पोस्टमार्टम कराने के लिए ले जाया गया शव कोविड पॉजिटिव निकल गया. उसके बाद वहां भारी अफरातफरी मच गयी. जिन लोगों ने शव को छुआ था, वे लोग इधर-उधर भागने लगे. कुछ देर पहले तक जो लोग शव को लेकर आपस में भिड़ रहे थे, वे उसे छूने से भी कतराने लगे. सारे लोगों ने मृतक के शव से पल्ला झाड़ लिया.
उधर पुलिस ने बताया कि रामजी प्रसाद ने दो विवाह किया था. पहली शादी से अमरेश नाम का बेटा है तो दूसरी पत्नी से एक बेटी रूबी है. रूबी का कहना है कि उसके पिता कई दिनों से बीमार थे और गिर भी गए थे. गिरने के कारण ही उनके शऱीर पर चोट का निशान है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.