लोकसभा चुनाव से पहले मांझी ने एक्टिव राजनीति से लिया संन्यास, कहा - अब नहीं लडूंगा किसी भी तरह का कोई चुनाव, बताया ये वजह

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 01 Oct 2023 02:15:11 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले मांझी ने एक्टिव राजनीति से लिया संन्यास, कहा - अब नहीं लडूंगा किसी भी तरह का कोई चुनाव, बताया ये वजह

- फ़ोटो

PATNA : 75 साल के बाद किसी व्यक्ति को भी चुनावी राजनीति नहीं करनी चाहिए, , वैसे कुछ लोग हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मैं तो 79 साल का हो गया हूं, और ऐसे में चुनाव लड़ना मेरे सिद्धांतों के खिलाफ होगा। ऐसे में अब वो किसी तरह का कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे। यह बातें हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के संस्थापक और एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी ने कही है। मांझी ने साफ़ तौर पर कह दिया है कि- अब वो कीसी भी तरह का कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। 

मालूम हो कि, हाल ही में जीतन मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। और कहा था कि लोकसभा सीटों को लेकर वो मुलाकात करने नहीं आए थे। एनडीए में जो भी सीट देगी, उस पर जीत की कोशिश रहेगी। हमारा उद्देश्य बिहार की सभी 40 सीटों पर एनडीए को जीत दिलाने में बीजेपी का सहयोग करना है। इसके बाद अब उन्होंने खुद के चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। 


वहीं, जीतन मांझी ने नीतीश कुमार के एनडीए के पाले में आने की संभावनाओं को बल देते हुए कहा कि- लालू यादव और तेजस्वी यादव पहले ही नीतीश कुमार को पलटूराम कह चुके हैं। कोई पलटू चाचा तो कोई पलटू भाई कहता है। जब नीतीश कुमार का डिजिग्नेशन ही पलटू राम है। तो किस समय पलटी मारेंगे इसका कोई हिसाब नहीं है। 


उधर, मांझी ने कहा कि हम एनडीए के एक छोटे सहयोगी हैं। हमारी कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं है कि हम किसी का स्वागत करेंगे या विरोध करेंगे। लेकिन अगर नरेंद्र मोदी या अमित शाह एनडीए में नीतीश को लाना चाहेंगे तो हम इसका विरोध करेंगे। वहीं ठाकुर कविता विवाद पर जीतन मांझी ने एनडीए से अलग बयान दिया है। मांझी ने मनोज झा का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्होने कुछ गलत नहीं बोला, और न ही किसी जाति विशेष पर टिप्पणी की। 



आपको बताते चलें कि, देश में अगले साल लोकसभा का चुनाव होना है और इस चुनाव से पहले जीतन राम मांझी ने भाजपा के साथ अपना नया गठबंधन बनाया है और ऐसे में अब उन्होंने इस चुनाव से पहले यह बताते हुए संन्यास का ऐलान किया है कि 75 साल के बाद चुनाव नहीं लड़ना तो यह न सिर्फ मांझी का फैसला के रूप में देखा जा बल्कि भाजपा के सांसद की भी मुसीबत बढ़ा दी है।