PATNA : पूरे देश की नजरें इस वक्त पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं। पश्चिम बंगाल को लेकर सियासत गर्म दिख रही। 2 दिन पहले कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ममता बनर्जी एक साथ जब मंच पर आए तो उसने बंगाल की सियासत में उबाल ला दिया लेकिन अब हम बिहार के राजनेता भी मिशन बंगाल के लिए निकल पड़े हैं। जनता दल यूनाइटेड का मिशन बंगाल आज से एक्टिवेट हो गया है जबकि आरजेडी बंगाल के लिए 30 जनवरी से अपने प्लान को एक्टिव करेगी।
जनता दल यूनाइटेड ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया था कि वह पश्चिम बंगाल चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जेडीयू अकेले चुनाव लड़ेगी या किसी गठबंधन के साथ इस पर फैसला नहीं किया जा सका है लेकिन जेडीयू ने अब पश्चिम बंगाल यूनिट के नेताओं के साथ जमीन पर रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी इसके लिए कोलकाता पहुंच चुके हैं। आज पश्चिम बंगाल जेडीयू यूनिट के साथ बैठक करेंगे। कोलकाता स्थित गांगुली स्ट्रीट के भारत सभा हॉल में इस बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक में यह तय किया जाएगा कि पश्चिम बंगाल में जेडीयू आखिर किस रणनीति के साथ आगे बढ़े। किन विधानसभा सीटों पर वह अपने उम्मीदवार उतार सकती है और गठबंधन के लिए उसके पास कौन-कौन से विकल्प है।
उधर जेडीयू के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने भी पश्चिम बंगाल के लिए अपना ब्लूप्रिंट तैयार रखा है। पार्टी के दो बड़े नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। अब्दुल बारी सिद्दीकी और श्याम रजक 30 जनवरी को कोलकाता जाएंगे। वहां ना केवल आरजेडी की इकाई के साथ उनकी बैठक होगी बल्कि तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी उनकी मुलाकात होगी। अभिषेक बनर्जी से आरजेडी नेताओं की मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तेजस्वी यादव खुद ऐलान कर चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देगी। हालांकि कुछ सीटों पर आरजेडी अगर उम्मीदवार उतारती है तो इस विकल्प पर अभिषेक बनर्जी से बातचीत के बाद ही कोई फैसला होगा। तीन दिनों तक पश्चिम बंगाल में रहने के बाद आरजेडी के दोनों वरिष्ठ नेता असम चले जाएंगे और गुवाहाटी में असम चुनाव को लेकर भी आरजेडी के सियासी विकल्प को तलाशेगें।