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जेडीयू नेता बलियावी का विवादित बयान, कहा-हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे

जेडीयू नेता बलियावी का विवादित बयान, कहा-हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे

19-Jan-2023 09:08 PM

HAZARIBAGH: अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले JDU नेता गुलाम रसूल बलियावी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। इस बार झारखंड के हजारीबाग में एक सभा के दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया है।  बलियावी ने बीजेपी से निष्कासित नेता नुपुर शर्मा पर निशाना साधा है। उनका कहना था कि मेरे आका की इज्जत पर हाथ डालोगे तो अभी तो हम कर्बला मैदान में इकट्ठा हुए हैं, उनकी इज्जत के लिए हम शहरों को भी कर्बला बना देंगे। 


बलियावी ने यह भी कहा कि खुद को सेकुलर बताने वाली पार्टी ने अभी तक नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग नहीं की है। हजारीबाग के कर्बला मैदान में एदारा-ए-शरिया का समाज सुधार अधिवेशन हुआ। जिसमें शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व सांसद सह जेडीयू नेता मौलाना गुलाम रसूल बलियावी शामिल हुए। इस दौरान बलियावी भड़काऊ भाषण देने लगे। उनके भाषण को सुनकर लोगों ने तालियां भी बजायी। अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए बलियावी ने कहा कि देश के मुस्लिम अल्पसंख्यकों के साथ जिस तरह से अत्याचार,अन्याय हो रहा है वो लोकतंत्र के लिए चिन्ता का विषय है। अब समय आ गया है कि मुस्लिम के लिए सेफ्टी एक्ट बने। 


झारखंड के हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए बलियावी ने कहा आज टोपी, दाढ़ी, मस्जिद और मदरसा निशाने पर है। ऊर्दू दफन हो रही है। सेक्यूलर गवर्मेंट चालने वाले को उनकी बिरादरी ने ही उतना वोट नहीं दिया जितना मुसलमानों ने बोरा में भरकर दिया है। इस हुकुमत में उनके बच्चों को एके-47 से मारा गया लेकिन अब तक उस एसपी पर कार्रवाई नहीं की गयी। बच्चों का मुकदमा अब तक वापस नहीं लिया गया। बलियावी ने यह भी कहा कि आज 22 साल बीत गये हैं लेकिन मदरसा बोर्ड का गठन आजतक नहीं हुआ। ऊर्दू टीचर खत्म हो गये। हिन्दी के नाम पर ऊर्दू स्कूलों को बंद कर दिया गया। 


बलियावी ने सरकार से पूछा कि सात साल पहले हमने 15 हजार ऊर्दू शिक्षकों की बहाली कराई थी वह काम आज क्यों नहीं हो रहा। भड़काऊ भाषण देते हुए बलियावी ने कहा कि सत्ता में हिस्सेदारी और नौकरी में भागीदारी की जाए वरना हमकों डराकर कही जा सकते हो तो ये मजमा देख लो। आज टोपी, दाढ़ी, मस्सिद और मदरसा निशाने पर है। बलियावी ने सभा में मौजूद मुस्लिम भाईयों से अपील किया कि वे अपनी जमीन को नहीं बेचे। यदि जमीन बेचना बंद नहीं किये तो 10 साल बाद  बिहार-झारखंड-बंगाल का मुसलमान 30 फीसदी भूमिहीन हो जाएगा। जिसके बाद बच्चों से पूछा जाएगा कि हिन्दुस्तानी होने का सबूत दो। तब आधारकार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, राशन कार्य काम नहीं आएगा। जमीन का कागजात ही काम आएगा। जिसके पास जमीन का कागज रहेगा वो ही हिन्दुस्तानी समझा जाएगा। 


सत्ता में हिस्सेदारी, ऊर्दू टीचरों की बहाली, मदरसा बोर्ड का गठन, बच्चों को नौकरी सहित 17 एजेंडो को लागू करने की मांग हेमंत सरकार से की। पूर्व सांसद सह जेडीयू नेता मौलाना गुलाम रसूल बलिया ने कहा कि एक मुश्त मुसलमानों का वोट लेकर बनी सरकार आज मुसलमानों के समस्या को भूल गई है। झारखंड बने 20 साल से ज़्यादा हो गया है लेकिन आज तक झारखंड में मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन नहीं हो सका है। उर्दू की बहाली खत्म कर दी गई। झारखंड में जरूरत पड़ी तो मदरसा शिक्षा बोर्ड एवं उर्दू की बहाली जैसे तमाम मसलों को लेकर एदारा-ए-शरिया सड़क  से लेकर सदन तक आंदोलन करेगा। 


अधिवेशन का संचालन एदारा ए शरिया के नाजिम ए अला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने किया वही अध्यक्षता मौलाना मुसरूफुल कादरी ने किया। अधिवेशन को मुफ्ती समसुद्दीन, मुफ्ती अमजद रजा अमजद ,मौलाना नुमान अख्तर,मुफ्ती गुलाम हुसैन, मौलाना आसिक इकबाल ,मौलाना अख्तरूल कादरी, मुफ्ती मुहीब रजा,मौलाना ताजुद्दीन, मौलाना मकसूद फरीदी, मौलाना फारूक मिस्बवाही ,मुफ्ती अब्दुल जलील ,दिलकश रांचीवी ,हबीबबुल्लाह फैजी, दिलबर शाही , जफर अकिल, तौकीर रज़ा,, कारी कलीमुद्दीन , कारी अब्दुल कयूम ने संबोधित किया।