PATNA : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 26 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर चुके जनता दल यूनाइटेड ने अब तक अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. जेडीयू किस बात का इंतजार कर रहा है यह समझ से परे है लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यह जरूर बता चुके हैं कि अगर जेडीयू की तरफ से चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर देरी हुई तो इसकी वजह आरसीपी सिंह है.
पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के भरोसे पर भरोसा करना जेडीयू को भारी पड़ा और इस वजह से बीजेपी से गठबंधन भी लटका रहा. आरसीपी सिंह को लेकर ललन सिंह ने जो बातें कहीं उसके बाद जेडीयू के अंदर चल रहा सियासी खेल सबके सामने आ चुका है लेकिन अब इस सियासी दांवपेच का दूसरा चरण शुरू होने वाला है. फर्स्ट बिहार बता रहा है कि आखिरकार आरसीपी सिंह को लेकर पार्टी के अंदर दूसरे चरण का कौन सा खेल शुरू करने की तैयारी है.
ललन सिंह ने आरसीपी सिंह को लेकर जो बातें दिल्ली में कहीं उसके बाद अब पार्टी के अंदर उनके समर्थक माने जाने वाले नेता और कार्यकर्ता आरसीपी सिंह को उत्तर प्रदेश चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी देने की मांग कर रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिए यह मांग उठने लगी है कि आरसीपी सिंह को उत्तर प्रदेश से चुनाव का प्रभारी बनाया जाए. इतना ही नहीं वह पार्टी के उम्मीदवारों के लिए यूपी में कैंप कर प्रचार करें. पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी इसलिए भी दी क्योंकि आरसीपी सिंह आईएएस अधिकारी रहते हुए उत्तर प्रदेश में काफी सेवा दे चुके हैं और उन्हें यूपी के बारे में अच्छी खासी जानकारी है.
ऐसा नहीं है कि आरसीपी सिंह को जिम्मेदारी देने की मांग बड़ा दिल दिखाते हुए हो रही है. दरअसल, इसके पीछे भी एक सियासी खेल है. आरसीपी सिंह को नापसंद करने वाले जेडीयू के नेता और कार्यकर्ता यह चाहते हैं कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्हें बीजेपी के सामने यूपी में खड़ा कर दिया जाए. अपने ही कैबिनेट सहयोगियों के सामने आरसीपी सिंह जेडीयू के लिए टक्कर देते नजर आए और ऐसे में बीजेपी के साथ उनके मधुर रिश्ते पर यूपी चुनाव का असर भी पड़े.
हालांकि इस सारे घटनाक्रम के बीच आरसीपी सिंह बेहद कूल नजर आ रहे हैं. उन्होंने अब तक अपने ऊपर दी गई प्रतिक्रिया को लेकर कोई रिएक्शन नहीं दिया है. ऑफिस ट्विटर पर भी केवल उतना ही एक्टिव रहते हैं जितने केंद्र सरकार के कामकाज को दिखाना हो. जन्मदिन की बधाई और अन्य शुभ कामनाओं के अलावे आरसीपी सिंह टि्वटर हैंडल से केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिट्वीट करते हैं. ऐसे में आरसीपी सिंह को अगर यूपी चुनाव में वाकई कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है तो जेडीयू के अंदर आगे सियासी खेल बेहद दिलचस्प दौर में चला जाएगा.