जेडीयू का बीजेपी पर डबल अटैक: जातीय जनगणना नहीं कराया तो आंदोलन करेंगे, भाजपा बताये बिहार को कितनी मदद दी

जेडीयू का बीजेपी पर डबल अटैक: जातीय जनगणना नहीं कराया तो आंदोलन करेंगे, भाजपा बताये बिहार को कितनी मदद दी

PATNA: बीजेपी को घेरने की कोई कोशिश बाकी नहीं छोड़ रही जेडीयू ने आज डबल अटैक किया है. जातीय जनगणना से लेकर बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर जेडीयू ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोला है. जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को खुले तौर पर चेतावनी दे दी है.


बीजेपी के खिलाफ जेडीयू का आंदोलन

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज फिर जातीय जनगणना का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि फिलहाल जेडीयू बीजेपी के क्लीयर स्टैंड का इंतजार कर रही है. केंद्र में बीजेपी की सरकार है औऱ फैसला उसे लेना है. जेडीयू इंतजार कर रही है, अगर बीजेपी ने कोई फैसला नहीं लिया तो फिर जदयू हर जरूरी कदम उठायेगी. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू जातीय जनगणना कराने के लिए निश्चित तौर पर आंदोलन करने पर भी विचार करेगी.


हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि 2021 की जनगणना जातीय आधार पर नहीं हो सकती. केंद्र सरकार ने संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट में ये जानकारी दे दी है, उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे बिहार में सर्वदलीय बैठक बुलाकर राज्य के स्तर पर जातीय जनगणना कराने का फैसला लेंगे. इसी बीच उनकी पार्टी के नेताओं ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली है. जेडीयू सूत्र बताते हैं कि बीजेपी की घेराबंदी के लिए फिलहाल यही सबसे बेहतर रास्ता नजर आ रहा है.


विशेष राज्य के दर्जे पर भी हमला

उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर भी बीजेपी को घेरा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि बिहार को केंद्र सरकार से ज्यादा मदद मिल रही है. उन्हें ये बताना चाहिये कि किस मद में कितनी ज्यादा मदद मिल रही है. सिर्फ बोलने से काम नहीं चलेगा. विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है और जेडीयू अपने स्टैंड पर कायम है. 


फिर बीजेपी की घेराबंदी में लगे नीतीश

दरअसल बिहार विधानमंडल के पिछले सत्र के बाद जेडीयू औऱ बीजेपी के बीच तल्खी बढ़ी है. इसके कई उदाहरण सामने आये हैं. विवाद उससे पहले भी था लेकिन बीच में विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव आ गया था. नीतीश औऱ उनकी पार्टी जानती थी कि दोनों सीटों पर अगर बीजेपी नाराज हुई तो फिर जीत असंभव था, लिहाजा विवाद के सारे मुद्दे ताक पर रख दिये गये थे. अब एक फिर नीतीश कुमार खुद या अपने सिपाहसलारों से आपसी विवाद के मुद्दों को आगे ला रहे हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी क्या करती है.