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1st Bihar Published by: Updated Sat, 25 Sep 2021 03:34:51 PM IST
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DESK: जातीय जनगणना कराने से केंद्र के इनकार के बाद बिहार में राजनीति तेज हो गई है। जातिगत जनगणना का मुद्दा पूरे बिहार में छाया हुआ है। जातीय जनगणना से इनकार के बाद अब बिहार एनडीए में भी दरार पड़ गई है। वही विपक्ष इसे लेकर सरकार को घेरने का काम कर रहा है। केंद्र की ना के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर देश के 33 दलों के नेताओं को पत्र लिखा है। तेजस्वी के लिखे गये पत्र पर एनडीए ने हमला बोला है।
जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने देश के 33 दलों के नेताओं को पत्र लिखा है। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गयी है। हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव को यह नसीहत दी है कि वे जातिगत जनगणना को लेकर राजनीति ना करें। हम भी चाहते हैं कि हर हाल में जातीय जनगणना हो क्यों कि जातीय जनगणना कराना छोटी जातियों के अधिकार क्षेत्र में आता है। मांझी ने केंद्र सरकार से एक बार फिर से इस पर विचार करने की अपील की है। उन्होंने बिहार में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की है। वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को इसे लेकर किसी तरह की राजनीति ना करने की नसीहत दी है।
वही बक्सर सांसद व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व और घटक दल के फैसले को हम सभी मानते रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटक दल में कोई नाराजगी नहीं है। समाज के अंतिम पक्ति में बैठे व्यक्ति के उत्थान का काम बीजेपी करती हैं। तेजस्वी यादव द्वारा 33 नेताओं को पत्र लिखे जाने पर अश्विनी चौबे ने कटाक्ष किया उन्होंने कहा कि तेजस्वी अभी बबुआ है।
बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जी ने जो मंतव्य रखा है वही पार्टी का स्टैंड है। तेजस्वी के चिट्ठी पर शाहनवाज ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या यह लेटर टाइप किया गया है या हाथ से लिखा हुआ है। इस लेटर को मैने नहीं देखा है। पहले लेटर देखते हैं तब प्रतिक्रिया देंगे। नहीं तो पता चला कि कुछ बोल दे और लेटर लिखा ही नहीं। पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा कि लेटर लिखने से किसने रोका है आप भी लिखिए।
वही बिहार के किसानों पर कहा कि हमारी सरकार बेहतरीन काम कर रही है। उनकी आमदनी कैसे बढ़े इसके लिए बिहार में काम हो रहा है। पूर्णिया में पहले इथेनॉल प्लान्ट का एप्रूव्ल कैबिनेट से हो गया है। जब इथेनॉल बनेगा तब किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। इसे लेकर सरकार काम कर रही है। शाहनवाज ने बताया कि वे खुद इसे लेकर दिन रात काम कर रहे हैं कड़ी मेहनत कर रहे हैं। 18-20 घंटे वे खुद काम कर रहे हैं इस दौरान ठीक से निंद भी नहीं ले रहे हैं।
जातीय जनगणना पर जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे तौर पर इनकार नहीं किया है। किसी और संदर्भ में कुछ बाते कही है। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी। देश में जातीय जनगणना होगी। जब तक यह नहीं होगी तब तक पिछड़ों गरीबों और उपेक्षित लोगों का विकास नहीं हो पाएगा। सभी समाज के लोगों का साथ नीतीश कुमार जी को मिल रहा है और आगे भी मिलेगा। जातीय जनगणना में लोग भी नीतीश कुमार जी के साथ हैं। अब जनता दल यूनाइटेड नंबर वन की पार्टी बन चुकी है।
जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि जो केंद्र ने कह दिया उसका समर्थन बिहार बीजेपी भी करती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर यह बताया गया कि 4 लाख 28 हजार जातियों की रिपोर्टिंग हुई। यदि इतनी जातियों की रिपोर्टिंग SECC डाटा में हुई है। तो कैसे 4 लाख 28 हजार कॉलम करके किया जा सकता है। बहुत लोगों ने अपनी जाति में ओबीसी नहीं लिखा है ऐसे में कईयों की ओबीसी की संख्या घट सकती है। महाराष्ट्र में 484 जातियां रजिस्ट्रर्ड है। महाराष्ट्र में SECC डाटा हुआ तो वहां जातियों की संख्या 52 हजार पार कर गयी। जिसके कारण यह प्रैक्टिकली सही साबित नहीं हुआ।
तेजस्वी यादव द्वारा 33 पार्टियों के नेताओं को पत्र लिखे जाने पर उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि जिस विचारधारा के साथ केंद्र सरकार चल रही है उसी विचारधारा के साथ बीजेपी प्रदेश के तमाम नेता और कार्यकर्ता चल रहे हैं। रेणु देवी का कहना है कि हम सामाजिक समरसता की बात करते है जबकि विपक्ष जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं। जातीय जनगणना से क्या होगा? जबकि हम सबका साथ सबका विकास पर विश्वास करते हैं। हम सामाजिक समरसता में विश्वास करते है। इसे लेकर कोई इशू नहीं बनाना चाहिए। जनगणना कराने से वोट मिलेगा ऐसी बात नहीं है।
रेणु देवी ने कहा कि आज बिहार में उप मुख्यमंत्री पद पर जो बैठी हैं वह आपके सामने है। हम भी अतिपिछड़ा समाज से ही आते है।आज हम बिहार की पहली उप मुख्यमंत्री हैं। देश में विकास कार्य हो रहे हैं उसमें कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। आपस में मतभेद कराने के लिए जातिगत जनगणना की बात की जा रही है। वही 27 सितंबर को भारत बंद के आह्वान पर उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि किसान के विरोध में किसान नहीं आते हैं मजदूरों को लाया जाता है। दिल्ली के जंतर मंतर पर कैसे मजदूर लाए गये यह सबने देखा। सरकार किसानों के हित में काम कर रही है जबकि विपक्ष किसानों को भ्रम के जाल में फंसाकर आंदोलन करने के लिए प्रेरित कर रही है।
गौरतलब है कि राजद नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने देश के 33 नेताओं को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि केंद्र सरकार जातिगत जनगणना को लेकर उदासीन और नकारात्मक रवैया अपना रही है। जाति आधारित जनगणना की मांग को राष्ट्र निर्माण में एक जरूरी कदम के तौर पर देखा जाना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि जातीय जनगणना ना कराने को लेकर बीजेपी के पास एक भी तर्कसंगत कारण नहीं है।
तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना को लेकर देश के 33 दलों के नेताओं को पत्र लिया है। तेजस्वी ने सोनिया गांधी, शरद पवार, अखिलेश यादव, मायावती, एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, सीताराम येचुरी, डी राजा, नीतीश कुमार, फारूक अब्दुल्ला, प्रकाश सिंह बादल, दीपांकर भट्टाचार्य, उद्धव ठाकरे, के.चंद्रशेखर राव, वाईएस जगन मोहन रेड्डी, महबूबा मुफ्ती, हेमंत सोरेन, पिनरई विजयन, अरविंद केजरीवाल, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी, ओम प्रकाश चौटाला, जीतन राम मांझी, मौलाना बदरुद्दीन अजमल, जयंत चौधरी, ओ पनीर सेल्वम, ओमप्रकाश राजवीर, चिराग पासवान, अख्तरुल इमान, मुकेश सहनी और चंद्रशेखर आजाद को पत्र लिखा है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर यह कहा गया है कि सरकार पिछड़ी जातियों की जनगणना करवाने के लिए तैयार नहीं है। इससे प्रशासनिक परेशानियां उत्पन्न होंगी। कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार का कहना है कि सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना 2011 अशुद्धियों से भरी हुई है। SECC-2011 सर्वे ओबीसी सर्वेक्षण नहीं है। जातीय जनगणना पर केंद्र की ना के बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग को राष्ट्र निर्माण में एक आवश्यक कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। जातीय जनगणना नहीं कराने के खिलाफ सत्ताधारी दल के पास एक भी तर्कसंगत कारण नहीं है।