जातीय गणना पर सवाल करने वाले कोईरी-धानुक जैसे समाज का नोटिस नहीं लेगी सरकार, तेजस्वी ने कहा- आपत्ति है जाकर प्रधानमंत्री से कहिये

जातीय गणना पर सवाल करने वाले कोईरी-धानुक जैसे समाज का नोटिस नहीं लेगी सरकार, तेजस्वी ने कहा- आपत्ति है जाकर प्रधानमंत्री से कहिये

 PATNA: बिहार में जातीय गणना के आंकड़ों को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है. कोईरी, धानुक, मल्लाह, मुशहर जैसी कई जातियों के लोग ये आरोप लगा रहे हैं कि आंकड़ों में भारी गड़बड़ी की गयी है. आज उन्हें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जवाब दिया. तेजस्वी यादव ने ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री के पास जाने को कहा है. 


दिल्ली में लैंड फॉर जॉब मामले में जमानत मिलने के बाद पटना वापस लौटे तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात की. इस दौरान सवाल पूछा गया कि कई जाति के लोग जातीय गणना की रिपोर्ट पर आपत्ति जता रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा “जातीय गणना हो गयी तो कुछ लोग आपत्ति पेश कर रहे हैं. जिनको भरोसा नहीं हो तो बोलिये मोदी जी को, भारत सरकार करा दे. जो लोग आपत्ति पेश कर रहे हैं उनसे कहियेगा कि प्रधानमंत्री जी से मिल कर कहिये न कि करा दे. जो लोग करा रहे हैं, उन पर आपत्ति हो रही है. जो नहीं करा रहे हैं तो वाह-वाह कर रहे हैं. हम लोगों ने कर के दिखाया है तो आपत्ति हो रही है.”


आपत्ति पर कोई सुनवाई नहीं

जाहिर है तेजस्वी यादव ने कह दिया कि किसी की आपत्ति पर कोई सुनवाई नहीं होगी. बता दें कि बिहार की कई जातियां जातीय गणना की रिपोर्ट पर गंभीर आपत्ति खड़ी कर रही हैं. आज ही जेडीयू के महासचिव प्रगति मेहता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर रहा है कि धानुक जाति की वास्तविक संख्या से बेहद कम संख्या जातीय गणना की रिपोर्ट में दिखायी गयी है. 


वहीं, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान जैसे नेताओं ने भी जातीय गणना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने का आरोप  लगाया है. मांझी ने कहा है कि 1931 में यादव जाति की संख्या बिहार में सिर्फ 4 परसेंट थी. लेकिन 2022 में वह बढ़ कर 14 परसेंट कैसे हो गयी. उधर, पूरे बिहार में कोईरी समाज के लोगों ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर आपत्ति जतायी है. उनका कहना है कि जानबूझ कर कोईरी जाति के लोगों की संख्या को काफी कम दिखाया गया है. तेजस्वी यादव ने ऐसे तमाम लोगों को प्रधानमंत्री से जाकर बात करने को कहा है.