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जातीय गणना में हुआ खेल! JDU प्रवक्ता ने निजी आंकड़े जारी किये, सरकार ने निजी डेटालीक नहीं होने का शपथपत्र दिया था, भारी गोलमाल का आरोप

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR EXCLUSIVE Updated Wed, 04 Oct 2023 03:04:42 PM IST

जातीय गणना में हुआ खेल!  JDU प्रवक्ता ने निजी आंकड़े जारी किये, सरकार ने निजी डेटालीक नहीं होने का शपथपत्र दिया था, भारी गोलमाल का आरोप

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PATNA:  2 अक्टूबर को बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक सिंह जब जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी कर रहे थे तो खास तौर पर ये एलान किया था-“जातीय जनगणना के आंकड़े गोपनीय हैं. किसी परिवार या सदस्य से जुड़ी कोई भी निजी सूचना अथवा आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया जायेगा औऱ ना ही किसी स्तर पर उन्हें कहीं भी साझा किया जायेगा.” 


बिहार के मुख्य सचिव का ये बयान सरकार के उस शपथ पत्र का हिस्सा है, जो राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में दिया था. नीतीश कुमार की सरकार ने कोर्ट में बार-बार ये कहा कि बिहार के किसी व्यक्ति के निजी आंकड़ों को किसी हाल में लीक नहीं होने दिया जायेगा. सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि उसने सारे डेटा को सुरक्षित रखने का पुख्ता इंतजाम किया है.


नीरज कुमार ने खोल दी सरकार के शपथ की पोल

अब आज का घटनाक्रम जान लीजिये. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मीडिया के सामने अपना बयान जारी किया. उन्होंने राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के निजी आंकड़ों को मीडिया के समक्ष जारी किया है. नीरज कुमार ने कहा- “जातीय जनगणना में उपेंद्र कुशवाहा का सीरियल नंबर है-130. मकान नंबर है-079. हाउस होल्ड-1. परिवार के प्रधान-उपेंद्र कुशवाहा. सदस्यों की संख्या-5. पारिवारिक क्रम संख्या-1.” 


नीरज कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने ये कैसे कह दिया कि लोगों के पास जातीय जनगणना करने वाली टीम नहीं पहुंची. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने ये आरोप लगाया था कि ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है जिनके पास जातीय जनगणना के लिए कोई पहुंचा ही नहीं. जब लोगों के पास कोई गया ही नहीं तो रिपोर्ट कैसे तैयार हो गयी. उपेंद्र कुशवाहा के इस आरोप के जवाब में जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने आज उनके निजी आंकड़े जारी किये. 


जेडीयू प्रवक्ता के पास कैसे पहुंचे आंकड़े

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब बिहार सरकार कोर्ट में शपथ पत्र दे चुकी है कि किसी व्यक्ति के निजी आंकड़े को लीक नहीं किया जायेगा. जब बिहार के मुख्य सचिव ये एलान कर रहे हैं कि किसी परिवार या व्यक्ति से जुड़ी कोई भी निजी सूचना अथवा आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया जायेगा और ना ही किसी स्तर पर उन्हें साझा किया जायेगा. तो फिर जेडीयू के प्रवक्ता के पास उपेंद्र कुशवाहा का निजी आंकडा कैसे आ गये. 


जेडीयू नेताओं के घर पर तैयार किया गया आंकडा

इस मसले पर अब तक उपेंद्र कुशवाहा या उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है लेकिन लोजपा(रा) ने गंभीर सवाल उठाये है. लोजपा के संगठन मंत्री ई. रवींद्र कुमार सिंह ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान शुरू से कह रहे हैं कि जातीय जनगणना के आंकड़े फर्जी हैं. नीरज कुमार ने आज जो जानकारी साझा की है उससे ये साबित हो गया है कि जेडीयू ने जातीय जनगणना में भारी गड़बड़ी करवायी है. नीरज कुमार के बयान से साफ होता है कि जेडीयू नेताओं को हर वह जानकारी है, जिसे सरकार ने गोपनीय रखने का शपथ पत्र दिया था. ये आपराधिक मामला है. लोजपा (रा) ने जातीय जनगणना में हुए फर्जीवाड़े की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से कराने की मांग की है.


बता दें कि जातीय जनगणना पर जमकर बवाल मचा है. ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने आंकड़ों के गलत होने के आरोप लगाये हैं. जीतन राम मांझी ने आज सवाल पूछा है कि 1931 की जातीय जनगणना में यादव जाति की संख्या 4 परसेंट थी, अब 14 परसेंट कैसे हो गयी.