Bihar Politics: ‘हम आगे और हमारे पीछे 20 सालों की खटारा सरकार’ बड़ा चुनावी मुद्दा हाथ से निकलता देख भड़के तेजस्वी यादव Bihar Politics: ‘हम आगे और हमारे पीछे 20 सालों की खटारा सरकार’ बड़ा चुनावी मुद्दा हाथ से निकलता देख भड़के तेजस्वी यादव Bihar News: प्यार के लिए रूस से बिहार पहुंची रशियन युवती, हिंदू रीति-रिवाज से रचाई शादी; विदेशी बहू ने जीता सबका दिल Bihar Weather: 9 और 10 जुलाई को इन 11 जिलों में आंधी-तूफान के साथ बारिश की संभावना, IMD का अलर्ट जारी Ashwini Vaishnaw Father Passed Away: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का निधन, जोधपुर में ली अंतिम सांस Ashwini Vaishnaw Father Passed Away: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के पिता दाऊलाल वैष्णव का निधन, जोधपुर में ली अंतिम सांस Bihar Politics: पटना में पुलिस एनकाउंटर पर आया मांझी का बयान, सुनकर गरम हो जाएंगे लालू-तेजस्वी Bihar Politics: पटना में पुलिस एनकाउंटर पर आया मांझी का बयान, सुनकर गरम हो जाएंगे लालू-तेजस्वी Bihar Crime News: भागलपुर में बदमाशों ने युवक को मारी गोली, लगातार हो रही हत्याओं से सहमें जिले के लोग Bihar Politics: ‘सीएम नीतीश पूरी तरह से अलर्ट लेकिन बिहार पुलिस ही लचर है’ गोपाल मंडल ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
1st Bihar Published by: Updated Mon, 15 Nov 2021 06:24:26 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: अफसरशाही को लेकर सांसद और विधायक सवाल उठाते रहे हैं। यह आरोप भी लगाते रहे हैं कि राजकीय समारोह या बैठकों में उनके लिए स्थान आरक्षित नहीं किया जाता है और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं होता है। अब इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने एक निर्देश जारी किया है। प्रमंडलीय आयुक्त से लेकर जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। जिसमें इस बात का जिक्र है कि बिहार में जनप्रतिनिधियों को सम्मान देना अनिवार्य होगा। अफसरों को सांसदों और विधायकों का अभिवादन करना होगा। माननीय से मुलाकात के बाद बाहर तक छोड़कर आना होगा।
बिहार में अफसरशाही का मुद्दा अक्सर उठता रहा है। अधिकारियों द्वारा बदसलूकी की शिकायत सांसद और विधायक करते रहे हैं। विधानसभा में भी इस दौरान यह मुद्दा उठाया गया था। बीते दिनों बिहार के मंत्री मदन सहनी ने तो अफसरों के व्यवहार से नाराज होकर इस्तीफे की पेशकश तक कर दी थी। मिली शिकायतों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि सरकारी कर्मचारियों या पदाधिकारियों को संसद सदस्यों और राज्य विधानमंडल के सदस्यों के साथ विनम्रता और शिष्टाचार का बर्ताव करना चाहिए. उनकी बातों को धैर्यपूर्वक सुनना और उन पर ध्यान पूर्वक विचार करना चाहिए. सभी पदाधिकारियों को संसद सदस्यों और राज्य विधानमंडल के सदस्यों को उनके संवैधानिक कामों के संपादन में मदद करनी चाहिए. लेकिन किसी सदस्य के अनुरोध या सुझाव को मानने में अगर असमर्थता है तो असमर्थता के कारणों को उन्हें विनम्रतापूर्वक स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए.
जनप्रतिनिधि होने के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्था में सांसद एवं राज्य विधानमंडल के सदस्यों का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्हें संविधान के अधीन महत्वपूर्ण कार्य सम्पादित करने के दौरान विभिन्न विभागों एवं जिला प्रशासन से व्यक्तिगत सम्पर्क करने या पत्राचार करने की आवश्यकता होती है। संसद एवं राज्य विधानमंडल के सदस्यों के साथ कार्य व्यवहार में एवं उनके जाते समय भी उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए विदा करना चाहिए। विनम्र व्यवहार का अपना प्रतीकात्मक मूल्य होता है। कर्मचारियों या पदाधिकारियों को सांसदों और विधायकों के साथ अपने व्यवहार में अत्यधिक सचेत एवं शिष्ट होना चाहिए।
सांसदों को सचिव से ऊपर रखा गया है। यदि राजकीय समारोह या किसी तरह की बैठकों में सांसद आमंत्रित किये जाते हैं तो उनके बैठने के स्थान राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश के तुरंत बाद एवं सचिवों से आगे रखा जाना चाहिए। जिस कार्यक्रम में सांसद और विधायक दोनों आमंत्रित हो वहां राज्य विधान मंडल के सदस्यों का स्थान संसद सदस्यों के तुरंत बाद रखा जाना चाहिए। कार्यक्रम में आमंत्रित उक्त सदस्यों के लिए स्थान आरक्षित होने चाहिए। देर से आने या उनकी अनुपस्थिति की स्थिति में भी उनके लिए आरक्षित सीटों को समारोह या बैठक के अंत तक आरक्षित रखा जाना चाहिए, भले ही वे खाली क्यों न रह जाये।