जनप्रतिनिधियों के हत्यारों को 3 माह में स्पीडी ट्रायल, 6 माह के अंदर सज़ा, 1 साल तक नहीं मिलेगा बेल

जनप्रतिनिधियों के हत्यारों को 3 माह में स्पीडी ट्रायल, 6 माह के अंदर सज़ा, 1 साल तक नहीं मिलेगा बेल

PATNA : राज्य में पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर जानलेवा हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं. इसे लेकर पंचायतीराज विभाग ने पिछले दिनों चिंता जताई थी. जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के लिए बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में पंचायत के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं सभी जनप्रतिनिधियों के हितों को देखते हुए बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया है कि पंचायत प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों के हत्यारों को 3 माह में स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा.


1 साल तक उनका बेल नहीं मिलने का प्रावधान लागू किया जाएगा और इसके साथ ही आजीवन उन्हें जेल में सड़ाने के लिए सरकार हरसंभव कानून का उपयोग करेगी. मंत्री ने आगे कहा कि जनप्रतिनिधियों की हत्या अत्यंत चिंताजनक है और ऐसे हत्यारों को सरेंडर नहीं करने पर उनके मकान और घर को ध्वस्त करा दिया जाएगा.


पंचायती राज विभाग ने गृह विभाग को पत्र लिख पंचायतों और ग्राम कचहरी के नव निर्वाचित प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनेश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है. मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि नव निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरियों के सभी प्रतिनिधियों को सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक हो गया है. वहीं हर पंचायत में सीसीटीवी कैमरा लगाने की कार्रवाई शुरू की जा रही है. 


बता दें कि राज्य में अब तक 5 मुखिया, एक सरपंच और एक वार्ड सदस्य कुल 7 जनप्रतिनिधियों की राजनीतिक रंजिश में हत्या हो चुकी है. पटना जिले के फुलवारीशरीफ और पंडारक के दो और आरा, जमुई और मुंगेर जिला में 1-1 कुल 5 मुखिया की हत्या कर दी गई है. वहीं, रोहतास जिला के एक उपसरपंच और पटना जिली के नौबतपुर के एक वार्ड सदस्य की हत्या हुई है.