1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Jan 2024 10:25:57 AM IST
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DESK: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने उन्हें भारत रत्न देने का फैसला लिया है। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया। आज उनकी 100वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया है। पीएम मोदी ने कहा कि वे खुद एक पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति हैं और उनके योगदान को समझ सकते हैं। कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक न्याय की राजनीति से देश के करोड़ों लोगों के जीवन में सुधार हुआ था। उन्होंने लिखा कि मुझे कर्पूरी ठाकुर से कभी मिलने का अवसर नहीं मिला, लेकिन कैलाशपति मिश्रा जी से उनके बारे में बहुत कुछ सुनने को मिला। उन्होंने कर्पूरी जी के साथ काम किया था।
प्रधानमंत्री ने एक लेख में लिखा कि, 'अति पिछड़ा नाई समाज से आने वाले कर्पूरी ठाकुर ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए उपलब्धियां हासिल की थीं। कर्पूरी ठाकुर जी की जिंदगी सादगी और सामाजिक न्याय पर आधारित थी। वह अपनी जिंदगी के आखिरी क्षणों तक बेहद सादगी से जीते रहे। हर किसी की उन तक पहुंच थी और मुख्यमंत्री जैसा पद हासिल करने के बाद भी वह हमेशा लोगों के संपर्क में रहे। उनसे जुड़े लोग जानते हैं कि कैसे वह अपने निजी खर्चों के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे।'
प्रधानमंत्री आगे लिखते हैं, 'बिहार में जब कर्पूरी ठाकुर सीएम थे तो उसी दौरान नेताओं के लिए कॉलोनी बनाने का फैसला हुआ था लेकिन खुद उन्होंने कभी अपने लिए कोई घर या पैसा नहीं लिया। 1988 में वह जब गुजरे तो उनके यहां अंतिम विदाई देने पहुंचे लोगों की आंखें भर आईं। यह देखकर लोग दुखी थे कि आखिर इतने बड़े कद का नेता कैसे इतनी सादगी से रहता था और उनके घर की कैसी हालत है।'
पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर के फटे कुर्ते वाले किस्से का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, '1977 में वह बिहार के सीएम बने थे। उस दौर में केंद्र और बिहार दोनों जगह जनता दल की सरकार थी। उस समय पटना में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन पर सभी नेता पटना में जुटे थे। उस महफिल में पहुंचे कर्पूरी ठाकुर का फटा कुर्ताजब चंद्रशेखर ने देखा तो उन्होंने अपने ही अंदाज में लोगों से अपील की थी कि वे उनके लिए डोनेट करें ताकि वह अच्छा सा कुर्ता खरीद लें। कर्पूरी जी ने चंदा स्वीकार तो कर लिया, लेकिन अपनी आदत के अनुसार उसे सीएम रिलीफ फंड में जमा करा दिया।'
पीएम मोदी ने ओबीसी वर्ग के लिए केंद्र सरकार के कामकाज को गिनाया और कहा कि हम कर्पूरी ठाकुर जी के पदचिह्नों पर चलते हुए 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाए हैं। इसके अलावा मुद्रा और विश्वकर्मा योजना के जरिए भी ओबीसी कल्याण के लिए तत्पर हैं। पीएम मोदी ने ओबीसी कमिशन के गठन का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर भी निशाना साध दिया। उन्होंने कहा कि हम कर्पूरी जी के नक्शेकदम पर चलते हुए ओबीसी कमिशन की ओर बढ़े तो कांग्रेस ने उसका विरोध किया। दुख कि बात है कि कर्पूरी जी महज 64 साल की उम्र में हमें तब छोड़ गए, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।