जाना था जापान, पहुंच गये चीन: अपने ही जाल में फंसे BJP के सम्राट गया के बजाय पुनपुन क्यों पहुंच गये, जानिये इनसाइड स्टोरी?

जाना था जापान, पहुंच गये चीन: अपने ही जाल में फंसे BJP के सम्राट गया के बजाय पुनपुन क्यों पहुंच गये, जानिये इनसाइड स्टोरी?

PATNA: गया के विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में जोरदार सियासी ड्रामा हुआ. आज यानि 17 सितंबर को इस मेले का उद्घाटन होना था. गया जिला प्रशासन ने पहले से निमंत्रण कार्ड बांटे थे. इस निमंत्रण पत्र में लिखा गया था कि मेले का उद्घाटन बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी करेंगे. लेकिन उद्घाटन के दिन अखबारों में दूसरा विज्ञापन छपा. इसमें मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता के तौर पर पांच लोगों के नाम दिये गये थे-केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी और प्रेम कुमार. 


अब उद्घाटन समारोह का हाल जानिये. जीतन राम मांझी अपने संसदीय क्षेत्र गया का इतना बड़ा कार्यक्रम छोड़ कर दिल्ली चले गये. सम्राट चौधरी गया जाने से कन्नी काट गये.डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गया पहुंच कर अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेले का उद्घाटन किया.


जाना था जापान पहुंच गये चीन

लेकिन असली औऱ सबसे दिलचस्प किस्सा तो बाकी है. गया में अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेला लगता है. देश विदेश से लाखो लोग वहां पहुंच चुके हैं. ऐसे बड़े कार्यक्रम का बहिष्कार कर सम्राट चौधरी पटना के पुनपुन पहुंच गये. पुनपुन में भी छोट स्तर का पितृपक्ष मेला लगता है. सम्राट चौधरी पुनपुन जाकर मेले का उद्घाटन कर आये. यानि गया के कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में नाम छपवाने, अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराने के बाद सम्राट चौधरी पुनपुन पहुंच गये. जिसका ना कोई कार्ड छपा था और ना ही अखबारों में कोई विज्ञापन. 


असली सियासी खेल समझिये

अब गया के अंतर्राष्ट्रीय पितृपक्ष मेले के उद्घाटन समारोह को लेकर हुए सियासी खेल को समझिये. ये बीजेपी के अंदर का खेल है. गया के पितृपक्ष मेले का आय़ोजन बिहार सरकार का भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग कर रहा है. इस विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं. बीजेपी में दिलीप जायसवाल और सम्राट चौधरी की जोड़ी ने पितृपक्ष मेले के नाम पर जो खेल करना चाहा, उसके वे खुद शिकार बन गये.


मांझी, विजय सिन्हा को किनारे लगाने की थी तैयारी

दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही कह दिया था कि वे पितृपक्ष मेले के उद्घाटन समारोह में नहीं जायेंगे. इसके बाद दिलीप जायसवाल और सम्राट चौधरी का खेल शुरू हुआ. दोनों के निर्देश पर गया जिला प्रशासन ने पितृपक्ष मेले के उद्घाटन समारोह की तैयारी शुरू की. इसके लिए निमंत्रण पत्र छपवाया गया. निमंत्रण पत्र में सम्राट चौधरी उद्घाटनकर्ता थे तो दिलीप जायसवाल कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले थे. लेकिन इस निमंत्रण कार्ड ने सियासी तौर पर आग लगा दिया.


गया केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का संसदीय क्षेत्र है. गया के पितृपक्ष मेले के उद्घाटन समारोह में जीतन राम मांझी के उपस्थित होने का न्योता मिला. जीतन राम मांझी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हैं. प्रोटोकॉल के हिसाब से केंद्रीय मंत्री राज्य के मुख्यमंत्री के बराबर की हैसियत का होता है. लेकिन दिलीप जायसवाल औऱ सम्राट चौधरी की जुगलबंदी ने उन्हें वैसे दो दर्जन विधायक, विधान पार्षद और सांसदों में शामिल कर दिया गया, जिन्हें कार्यक्रम में मौजूद रहने का न्योता दिया गया था. 


गर्म हो गये मांझी

सूत्रों के मुताबिक निमंत्रण कार्ड देखने के बाद जीतन राम मांझी गर्म हो गये. उनके संसदीय क्षेत्र में ही बिहार बीजेपी के नेता उन्हें अपमानित कर रहे थे. मांझी ने अपनी नाराजगी से बीजेपी के आला नेताओं को भी अवगत कराया और फिर अपने क्षेत्र के बड़े कार्यक्रम को छोड़ कर पहले ही दिल्ली रवाना हो गये. जबकि मांझी का पहले से ये कार्यक्रम तय था कि उन्हें 17 सितंबर को गया में रहना है. लेकिन वे दिल्ली निकल गये.


जीतन राम मांझी की नाराजगी के बाद बिहार बीजेपी के नेताओं को समझ में आया कि उन्होंने गलत चाल चल दी है. उद्घाटन समारोह से एक दिन पहले शाम में आनन फानन में कार्यक्रम बदला गया. गया जिला प्रशासन ने पहले निमंत्रण पत्र में मांझी के उपस्थित रहने की बात लिखी थी. लेकिन 16 सितंबर की शाम गया में डीएम औऱ एसपी ने प्रेस कांफ्रेस कर कहा कि जीतन राम मांझी उद्घाटनकर्ता और मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे. 16 सितंबर की शाम ही आनन फानन में अखबारों मे विज्ञापन छपने के लिए भेजा गया. इसमें पांच नेताओं को उद्घाटनकर्ता और मुख्य अतिथि बना दिया गया. इनमें पहले नंबर पर जीतन राम मांझी फिर सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, विजय चौधरी और प्रेम कुमार का नाम था. 


लेकिन अंदर ही अंदर बात बढ़ चुकी थी. इसके बाद सम्राट चौधरी गया जाने से ही कन्नी काट गये. सम्राट चौधरी गया के बजाय पुनपुन पहुंच गये. वहां जाने का पहले से उनका कोई प्लान नहीं था. लेकिन 16 सितंबर की रात सम्राट चौधरी ने पुनपुन जाने का प्लान बनाया. आलम ये था कि उस कार्यक्रम में सम्राट चौधरी के अलावा राज्य सरकार को कोई दूसरा मंत्री मौजूद नहीं था. स्थानीय सांसद और विधायक तक को न्योता नहीं था. हां, बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और पूर्व विधायक श्याम रजक जरूर सम्राट चौधरी के साथ पुनपुन मेले का उद्घाटन करने में शामिल रहे.