PATNA: कड़ाके की ठंड से बचने के लिए जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया गया। जन अधिकार पार्टी की ओर से इस अभियान की शुरुआत नालंदा से की गयी।
जन अधिकार पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने इस मौके पर जरूरतमदों के बीच कंबल का वितरण किया। दानवीर ने जाप के इस अभियान को लेकर कहा कि यह ठंड की वजह से सेवादारी के तहत यह शुरू की गई। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए हमने इस अभियान की अलग रुप रेखा तैयार की है, जिसके तहत जरूरतमंद लोगों के बीच कल से हमारे साथी घर-घर कंबल पहुंचायेंगे। साथ ही हम प्रदेशवासियों से अपील करते हैं कि कोरोना और ठंड दोनों से खुद बचें।
कंबल वितरण अभियान के दौरान प्रदेश के नेता भानू यादव, ललन सिंह एवं स्थानीय नेता रणबीर प्रसाद उर्फ बब्लू यादव, मुकेश पासवान, मनीष कुमार,गुलशन कुमार,चन्दन विश्वकर्मा,विकास यादव,संदिप कुमार,राज नितीश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।
जन अधिकार पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष राजू दानवीर ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया। राजू दानवीर ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा हर एक बिहारी का हक है और इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ और सुखाड़ से ग्रस्त हमारे प्रदेश की तरक्की के लिए यह दर्जा बेहद जरूरी है। इसलिए हम विशेष दर्जा, किसानों को एमएसपी और वार्ड सचिव की मांगों को लेकर 10 जनवरी को प्रदेश भर में व्यापक रेल चक्का जाम प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा के अलावा किसानों के लिए एमएसपी और लाखों वार्ड सचिवों की मांग का भी हम और हमारी पार्टी समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि यह किसानों का देश है और अन्नदाताओं के साथ हम अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिस तरह से सरकार ने तीनों काले कानून वापस लिए, उसी तरह अब एमएसपी की गैरन्टी या कानून की हम मांग करते हैं। आखिर कब तक किसान भाई अपनी खून पसीने से उपजायी फसल को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के लाखों वार्ड सचिव का भविष्य राज्य सरकार की गलत नीतियों से अधर में है। लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आखिर इतनी बेरहमी वार्ड सचिव और उनके परिवार से क्यों? वे लगातार ठंड में अपनी जिंदगी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन कोई उनकी सुन रहा। इसलिए हम उनकी आवाज को अनदेखी करने वाली सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे।