जामताड़ा के बाद रांची बना साइबर क्राइम का हब, कई राज्यों से जुड़े हैं तार

जामताड़ा के बाद रांची बना साइबर क्राइम का हब, कई राज्यों से जुड़े हैं तार

RANCHI: यूं तो झारखंड का जामताड़ा साइबर अपराधियों के लिए सेफ जोन माना जाता रहा है लेकिन अब राजधानी रांची भी साइबर क्राइम का बड़ा हब बनता जा रहा है। रांची पुलिस ने साइबर ठगों के एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों का डेटाबेस तैयार कर लकी ड्रा का झांसा देकर उनसे ठगी करते थे। रांची शहर में बैठकर इस गिरोह के सदस्य 20 राज्यों के करीब 150 से अधिक लोगों को अपना शिकार बना चुके थे।


दरअसल, पुलिस को पिछले कुछ महीनों से साइबर ठगी की जानकारी मिल रही थी। गुप्त सूचना के आधार पर रांची पुलिस की टीम ने बड़गाईं से गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार तीनों बदमाश करण कुमार, चंदन कुमार और सुदामा कुमार बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं और चुटिया इलाके में किराए के मकान में रहकर साइबर अपराध की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने इनके पास से 12 मोबाइल फोन, 6 एटीएम कार्ड, मापतोल डॉट कॉम के 484 लिफाफे के अलावा लकी ड्रा के कूपन और दो लाख रुपए कैश बरामद किया है।


पूरे मामले पर रांची के एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि पुलिस को लगातार साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं की जानकारी मिल रही थी। जिसके बाद पुलिस की विशेष टीम का गठन कर छापेमारी की गई। एसएसपी ने बताया कि पिछले तीन महीने से ये गिरोह रांची में सक्रिय था। ऑनलाइन लोन ऐप डाउनलोड करवाकर गिरोह के सदस्य मोबाइल हैक कर लोगों को ब्लैकमेल करते थे और उनसे पैसे की उगाही कर रहे थे। फिलहाल पुलिस गिरफ्तार साइबर अपराधियों से पूछताछ में जुटी है।