DESK : जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के ठीक एक साल बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर गिरीश चंद्र मुर्मू ने इस्तीफा दे दिया है। गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद इस बात की चर्चा है कि केंद्र सरकार उन्हें कोई नई जिम्मेदारी दे सकती है। जगदीश चंद्र मुर्मू ने 31 अक्टूबर 2019 को लेफ्टिनेंट गवर्नर पद की शपथ ली थी। मुर्मू के शासनकाल में कश्मीर में बड़े बदलाव हुए और अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
1985 बैच के आईएएस अधिकारी रहे मुर्मू गुजरात कैडर से जुड़े हुए थे। मुर्मू की पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अधिकारियों में की जाती रही है और यही वजह रही कि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद जम्मू कश्मीर में उप राज्यपाल बनाया गया। गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते मुर्मू उनके प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुके थे। मार्च 2019 में वह वित्त विभाग में व्यय सचिव के पद पर तैनात किए गए थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर के आखरी राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बाद उपराज्यपाल की जगह थी।
मुर्मू के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर के अंदर शांति स्थिरता और विकास की रफ्तार देखने को मिली है। आतंकवाद और पत्थरबाजी जैसी स्थिति से घाटी आगे निकला है। मुर्मू का इस्तीफा इसलिए भी बेहद अहम है क्योंकि उन्होंने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने वाले धारा 370 और आर्टिकल 15 A को खत्म किए जाने के ठीक एक साल बाद अपने पद से इस्तीफा दिया है।