DESK : नौकरी दिलाने के नाम पर महिला को पहले झांसे में लेकर बिाहर के पूर्णिया से दिल्ली ले गया. जहां उसने एक कोठी में काम करने के लिए भेजा और फिर चोरी की प्लानिंग बना ली. प्लेसमेंट एजेंसी संचालकों ने महिला से चोरी कराई और फिर उसे जेल भेज दिया गया. एक साल से अधिक महिला जेल में रही, उसके बाद उसे फरवरी 2020 में जमानत पर जेल से बाहर निकाल कर देह व्यापार में धकेल दिया. देह व्यापार करने से मना करने पर आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी. एक दिन मौका देखकर महिला उनके चंगुल से भाग निकली और पुलिस को 100 नंबप पर कॉल कर इसकी सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
35 साल की पीड़िता ने बताया कि वह बिहार के पूर्णिया की रहने वाली है. उसकी शादी 2002 में हुई थी और उसके दो बच्चे हैं. लेकिन शादी के 17 साल बाद उसके पति ने उसे छोड़ दिया. दो बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उस पर थी. पीड़िता की मुलाकात 2017 में संजय शाह से हुई जो गांव की लड़कियों को दिल्ली में नौकरी के लिए ले जाता था. संजय ने पीड़िता को भी नौकरी दिलाने की बात कही जिसके बाद वे भी उसके साथ दिल्ली आ गई.
पीड़िता ने बताया कि संंजय ने उसे विजय विहार के एक कोठी में उसे काम करने के लिए भेजा, जहां उसने संजय के कहने पर चोरी की और पकड़ी गई. उसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. फिर लंबे समय तक जेल में रही और फरवरी 2020 में संजय ने उसे जमानत पर बाहर निकाला. इसके बाद संजय शाह ने उसे किशन राय नाम के शख्स के पास छोड़ दिया. किशन ने पीड़िता के साथ रेप किया और फिर उस से जबर्दस्ती देह व्यापार कराने लगा. इस काम में किशन का दोस्त आरिफ भी साथ था. लॉकडाउन के दौरान उसे दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न इलाकों में देह व्यापार के लिए भेजा गया. जमानत पर बाहर थी, इसलिए घर भी नहीं आ सकती थी. 21 अगस्त को देह व्यापार करने से मना कर दिया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई की. फेर वह मौका देखकर वहां से भाग निकली औऱ पुलिस के पास पहुंची.