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1st Bihar Published by: Updated Thu, 30 Apr 2020 08:44:51 AM IST
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PATNA : कोरोना महामारी के पहले पटना के लोगों ने बीते साल जल त्रासदी को झेला था। लगातार हो रही बारिश के बाद पटना जिस तरह डूबा उस वक्त सरकार की खूब फजीहत हुई थी। जलजमाव संकट खत्म होने के बाद सरकार ने भरोसा दिया था कि अब आगे राजधानी के लोगों को डूबने नहीं दिया जाएगा। लंबे चौड़े प्लान बनाए गए बड़े नालों के उड़ाही की व्यवस्था की गई और अब देखते देखते हम एक बार फिर मानसून से डेढ़ महीने पहले खड़े हैं।
सरकार को एक बार फिर से जलजमाव का डर सता रहा है लिहाजा अब अगले 50 साल के लिए एक्शन प्लान बनाकर काम करने की तैयारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को जलजमाव से बचाव की तैयारियों को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की थी। पटना और आसपास के इलाकों में जलजमाव ना हो इसके लिए अगले पांच दशक का एक्शन प्लान बनाने का आदेश दिया गया है। नगर विकास विभाग ने मुख्यमंत्री के सामने इस बात का भरोसा दिया है कि 10 मई तक राजधानी के सभी 9 बड़े नालों की उड़ाही हो जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में नालों की उड़ा ही की नियमित जांच और निगरानी की जाए। पिछले साल जलजमाव के बाद हाई लेवल कमिटी की जो रिपोर्ट सामने आई थी उसके सुझावों पर सरकार काम कर रही है।
जलजमाव वाले हालात फिर पैदा ना अब शहर के कूड़े की डंपिंग के लिए नए स्थान के चयन का निर्देश दिया गया है। साथ ही साथ रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज के विकल्पों को तलाशने की जरूरत बताई गई है। पंपिंग स्टेशन सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की तैयारी है। पटना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम में भी तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने अपने स्तर से तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है लेकिन हकीकत डेढ़ महीने बाद ही सामने आ जाएगी क्योंकि मानसून में लगभग इतना ही वक्त बचा है।