Vijay Kumar Sinha: इस दिन होगा डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का अगला ‘भूमि सुधार जन कल्याण संवाद’ कार्यक्रम, सीओ और राजस्व कर्मचारी हो जाएं तैयार

Vijay Kumar Sinha: डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा 22 दिसंबर 2025 को मुजफ्फरपुर में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद करेंगे. राजस्व सेवाओं की समीक्षा और शिकायतों पर सख्त कार्रवाई होगी.

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 20 Dec 2025 08:06:04 PM IST

Vijay Kumar Sinha

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Vijay Kumar Sinha: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवाएं आमलोगों को समय सीमा में उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दिनांक 22 दिसंबर 2025 को मुजफ्फरपुर में भूमि सुधार जन कल्याण संवाद का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा करेंगे।


यह आयोजन डॉ० भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृष्ण सिंह प्रेक्षागृह में दो पालियों में संपन्न होगा। प्रथम पाली में सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक भूमि सुधार जन कल्याण संवाद आयोजित किया जाएगा, जिसमें राजस्व से संबंधित ऑनलाइन सेवाओं, समस्याओं और उनके समाधान पर आमलोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी। 


अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी को पीड़ित के सामने बैठाकर समस्या पर चर्चा होगी। इस सत्र में राजस्व विभाग से संबंधित सभी पदाधिकारी, राजस्व कर्मचारी के साथ आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी रहेगी। शिकायतकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन 09 बजे से 10.30 बजे तक किया जाएगा। आवेदन के साथ अपना नाम, स्पष्ट पता और मोबाइल नंबर जरूर डालने की अपील की गई है। इससे कार्रवाई की जानकारी मैसेज से मिलती रहेगी।


दूसरी पाली में दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक राजस्व विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में जिले के अपर समाहर्ता, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, बन्दोबस्त पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं राजस्व कर्मचारी शामिल होंगे। बैठक में दाखिल–खारिज, परिमार्जन प्लस, ई मापी समेत सभी ऑनलाइन सेवाओं की स्थिति की आंकड़े से समीक्षा की जाएगी। इस दौरान अभियान बसेरा 2 की भी स्थिति की विशेष रूप से समीक्षा की जाएगी।


भूमि सुधार जन कल्याण संवाद के माध्यम से माननीय उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा की मंशा है कि दाखिल–खारिज, परिमार्जन प्लस और ई मापी समेत अन्य सभी ऑनलाइन सेवाएं समय सीमा में उपलब्ध कराने से भू अभिलेख अपडेट होंगे और भूमि विवाद में भी कमी आएगी। इससे प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सकेगा।