BEGUSARAI : बेगूसराय में जनप्रतिनिधि भले ही विकास के दावे करें, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल इसके उलट है. नगर निगम क्षेत्र की जनता नारकीय जीवन जीने को विवश है. लोग महीनों से जलजमाव और गंदगी के बीच एक तरह से कैद होकर रह रहे हैं. स्थिति यह है कि जनता की पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं है. जनप्रतिनिधि परेशान जनता को सिर्फ विकास के दावे की घूंट पिला रहे है और दूसरी तरफ जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है.
निगम क्षेत्र की घनी आबादी वाले वार्ड-21, 22 की जनता पिछले तीन महीनें से जलजमाव के बीच रहने को विवश है. नाले का गंदा पानी सड़क पर जमा हुआ है. पानी से बदबू आता रहता है. जल निकासी का कोई साधन नहीं है. लोगों का कहना है कि कोई जनप्रतिनिधि उनलोगों की पीड़ा नहीं सुन रहा है. नेता सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय विधायक हों या नगर निगम के मेयर हों कोई भी व्यक्ति जनता का हाल जाने नहीं आता है.
वहां के स्थानीय लोगों ने कहा कि नेता सिर्फ वोट के समय वोट लेने के लिए आते हैं और जो वादा करते हैं, उस वादे पर खड़ा नहीं उतर पाते हैं. इसलिए इस बार सभी लोगों ने फैसला किया है कि सभी लोग वोट का बहिष्कार करेंगे. क्योंकि अपने वादे पर नेता खड़े नहीं उतरते हैं. फिर उनके वादे पर क्यों भरोसा करेंगे. इसलिए इस बार यहां की जनता मूड बना ली है कि वोट का बहिष्कार करेंगे.