Bihar News: बिहार के इस जिले में लगेगा रोजगार मेला, बढ़िया सैलरी के साथ मिलेंगी कई अन्य सुविधाएं Bihar News: पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे का भूमि अधिग्रहण 100 दिनों में होगा पूरा, परियोजना को मिली रफ्तार Road Accident: NH31 पर बाइक-ट्रक की भीषण टक्कर, 2 की मौत Bihar Rain Alert: राज्य के सभी जिलों में बारिश की चेतावनी जारी, अगले 5 दिन कुछ ऐसा रहेगा मौसम का हाल सहरसा में गर्भवती महिला की गर्भपात के दौरान मौत, परिजनों ने लगाए लिंग जांच और हत्या का आरोप खगड़िया: जमीन विवाद में चली गोलियां, युवक के पैर में लगी गोली, वीडियो वायरल BIHAR: डाक पार्सल वैन से 4200 बोतल प्रतिबंधित कोरेक्स सिरप बरामद, तस्कर भी गिरफ्तार सभी कमिश्नर और डीएम को मुख्य सचिव ने दिया निर्देश, कहा..मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण की शत-प्रतिशत सफलता सुनिश्चित हो बिहार के 12 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे: रक्सौल से हल्दिया पोर्ट तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण के मार्गरेखा को मिली स्वीकृति BIHAR: चलती CNG कार में लगी भीषण आग, कार सवार ने कूद कर बचाई जान
1st Bihar Published by: Jitendra Kumar Updated Wed, 21 Oct 2020 11:17:41 AM IST
- फ़ोटो
BEGUSARAI : बेगूसराय में जनप्रतिनिधि भले ही विकास के दावे करें, लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल इसके उलट है. नगर निगम क्षेत्र की जनता नारकीय जीवन जीने को विवश है. लोग महीनों से जलजमाव और गंदगी के बीच एक तरह से कैद होकर रह रहे हैं. स्थिति यह है कि जनता की पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं है. जनप्रतिनिधि परेशान जनता को सिर्फ विकास के दावे की घूंट पिला रहे है और दूसरी तरफ जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है.
निगम क्षेत्र की घनी आबादी वाले वार्ड-21, 22 की जनता पिछले तीन महीनें से जलजमाव के बीच रहने को विवश है. नाले का गंदा पानी सड़क पर जमा हुआ है. पानी से बदबू आता रहता है. जल निकासी का कोई साधन नहीं है. लोगों का कहना है कि कोई जनप्रतिनिधि उनलोगों की पीड़ा नहीं सुन रहा है. नेता सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय विधायक हों या नगर निगम के मेयर हों कोई भी व्यक्ति जनता का हाल जाने नहीं आता है.
वहां के स्थानीय लोगों ने कहा कि नेता सिर्फ वोट के समय वोट लेने के लिए आते हैं और जो वादा करते हैं, उस वादे पर खड़ा नहीं उतर पाते हैं. इसलिए इस बार सभी लोगों ने फैसला किया है कि सभी लोग वोट का बहिष्कार करेंगे. क्योंकि अपने वादे पर नेता खड़े नहीं उतरते हैं. फिर उनके वादे पर क्यों भरोसा करेंगे. इसलिए इस बार यहां की जनता मूड बना ली है कि वोट का बहिष्कार करेंगे.