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बारिश...बर्बादी और बेबसी…‘जल प्रलय’ के बाद गमगीन है हर आंखें...कोई घर छोड़ने को है मजबूर...तो किसी को है राहत का इंतजार

बारिश...बर्बादी और बेबसी…‘जल प्रलय’ के बाद गमगीन है हर आंखें...कोई घर छोड़ने को है मजबूर...तो किसी को है राहत का इंतजार

03-Oct-2019 01:33 PM

By Ganesh Samrat

PATNA: राजधानी पटना में आए ‘जल प्रलय’ के बाद कई आंखें नम हैं...कई घर उजड़ गये हैं...कोई सालों से बसाया घर छोड़ने को मजबूर है...तो कोई टकटकी लगाए राहत का इंतजार कर रहा है. पटना के राजेंद्र नगर की हालत अभी भी भयावह बनी हुई है.


पिछले 6 दिनों से ‘जल कैदी’ बनकर अपने घर में कैद लोग आखिरकार भूख-प्यास के आगे बेबस होकर अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गये हैं. राजेंद्र नगर इलाके में अभी भी कमर भर पानी है. लोगों के पास ना पीने को एक बूंद पानी है, ना ही खाने को एक दाना अन्न. वहीं पानी घटने का नाम ही नहीं ले रहा है, लिहाजा महामारी की आशंका को देखते हुए लोग सालों से बसा-बसाया अपना आशियाना छोड़ने को मजबूर हैं.


वहीं आपदा की इस घड़ी में मदद के तो कई हाथ बढ़े हैं लेकिन अभी भी बहुत सारा परिवार ऐसा है, जिसे राहत का इंतजार है. वहीं राजेंद्र नगर पुल पर लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एंबुलेंस की सुविधा दी गई है, लेकिन एंबुलेंस में कोई भी डॉक्टर नहीं है लिहाजा टांका लगाने तक के लिए लोग दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.